पिछले कुछ दिनों से प्याज निर्यात को लेकर किसानों और सरकार के बिच खींचातानी चल रही है। प्याज के दाम बढ़ने के डर से सरकार किसानों को निर्यात की इजाजत नहीं दे रही थी। वहीं सरकार के इस फैसले से किसानों में नाराजगी साफ़ देखि जा रही है। हालांकि अब सरकार ने कुछ शर्तो के साथ किसानों को प्याज निर्यात की मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है और अब देश से 50 हजार मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दी है।
बांग्लादेश को 50 हजार टन प्याज निर्यात की इजाजत
नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के जरिए बांग्लादेश को 50 हजार टन प्याज का निर्यात किया जाएगा। केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के विदेश व्यापार महानिदेशालय के महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने बताया की प्याज निर्यात की अधिसूचना जारी की है। इस बीच किसानों का आरोप है कि इस निर्यात से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा।
प्याज के सीमित निर्यात का बाज़ार पर क्या असर होगा?
प्याज व्यापारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि निर्यात कोटा में कटौती का बाजार पर ज्यादा असर पड़ने की संभावना नहीं है। प्याज की कीमतों में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन यह देखना होगा कि निर्यात कोटा को लेकर बाजार की धारणा कैसी बनती है। इस फैसले के खिलाफ किसानों, विभिन्न संगठनों और व्यापारियों ने पूरे क्षेत्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार ने हाल ही में निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है और अब देश से 50 हजार मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने की अनुमति दी है। किसानों का कहना है कि इससे कीमत बढ़ोतरी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए निर्यात पर प्रतिबंध
सरकार लगातार प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है। सरकार ने प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते प्याज की कीमत गिर गई है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से प्याज पर निर्यात प्रतिबंध हटाने को लेकर चर्चा चल रही थी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्याज पर निर्यात प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। सरकार ने यह रुख अपनाया है कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च तक जारी रहेगा। हालांकि, सिर्फ 50 हजार मीट्रिक टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है।