कॉफी युवाओं की खास पसंद है | देखा जाये तो कॉफी के उत्पादन में भारत का विश्व में छठवां स्थान है। देश के विभिन्न राज्यों में किसान 8200 टन कॉफी का उत्पादन करते हैं। भारत में कॉफ़ी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होता है। दरअसल कर्नाटक के किसान सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन करते हैं।
पेय पदार्थों के मामले में कॉफी लोगो की पहली पसंद बन गई है। दुनिया भर के लोग कॉफी का सेवन करते हैं। हालांकि, कॉफी का उत्पादन उस गति से नहीं बढ़ रहा है। यदि बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किसान भाई कॉफी की खेती करते हैं तो पारंपरिक फसलों की तुलना में उन्हें ज्यादा मुनाफा होगा। हालांकि कई राज्यों में किसानों को समय-समय पर कॉफी की खेती करने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में कॉफी की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।
भारत कॉफी उत्पादन के मामले में विश्व में छठवें स्थान पर है यहां पर कुल उत्पादन 8200 टन है। केरल कर्नाटक और तमिलनाडु में किसान सबसे अधिक कॉफी की खेती करते हैं। कर्नाटक में 53% कॉफी का उत्पादन होता है जबकि तमिलनाडु में 11% और केरल में 28% उत्पादन होता है। कॉफी के पेड़ को यदि एक बार खेत में इसके पेड़ से कई सालों तक कॉफी का उत्पादन किया जा सकता है।
1 पेड़ से होगी 50 वर्षों तक कमाई
कॉफी के पौधों पर कीटों पतंगो का असर काफी कम होता है और इसके पेड़ में रोग लगने की संभावना काफी कम होती है। इसके पौधे को लगाने के 5 साल बाद फसल आने लगती है। कॉफी के एक पेड़ से आप 50 साल तक निरंतर कमाई कर सकते हैं। यदि किसान भाई एक एकड़ में कॉफी के बाग लगाते हैं तो उन्हें 3 क्विंटल तक की पैदावार मिल सकती है। इसलिए किसान कॉफी की खेती से अच्छा फायदा कमा सकते हैं।
जून जुलाई के महीने में की जाती है रोपाई
कॉफी की फार्मिंग के लिए गर्म और शुष्क मौसम अनुकूल होता है। इसके लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी पीएच मान 6 से 6.5 होना चाहिए। जून जुलाई का महीना कॉफी के पौधे की रोपाई के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस पौधे की खास बात यह है कि पेड़ को ज्यादा पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है।