अमरुद और आम के बगीचे में करें हल्दी की खेती, दोगुना होगा मुनाफा

लखनऊ: किसान भाई यदि आम और अमरुद के बगीचे में हल्की खेती करना चाहते हैं तो बगीचे की जुताई कर लें और पानी के निकास की बेहतर व्यवस्था करलें जिससे कि बगीचे में पानी एकत्र न हो। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आम और अमरुद के बगीचे में हल्दी की खेती करके किसान भाई अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

आम और अमरुद की खेती देश के विभिन्न राज्यों में की जाती है। उत्तर प्रदेश,बिहार, राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान आम और अमरुद के बगीचे अधिक मात्रा में लगाते है। बगीचे में किसान भाई कई किस्मों के अमरुद के पेड़ लगते हैं व दशहरी, चौसा, लंगड़ा समेत कई प्रकार के आमों का उत्पादन करके अच्छी कमाई करते हैं।

किसान भाइयों के लिए आयुर्वेदिक हल्दी के पौधों की खेती अतिरिक्त आय का मुख्य साधन हो सकती है, खासकर जब इसे आम और अमरूद के पेड़ों के बीच में किया जाता है। हल्दी में कई पोषक तत्व, विटामिन, और खनिज पाए जाते हैं और इसका उपयोग न सिर्फ मसालों में होता है, बल्कि इसे आयुर्वेदिक दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी की खेती करने पर किसानों की आय पहले की तुलना में अधिक बढ़ सकती है और मवेशी और कीट इसे नुकसान नहीं पहुंचाते हैं क्योंकि इसके औषधीय गुणों के कारण मवेशी हल्दी के पत्तों को खाना पसंद नहीं करते हैं और कीट भी इससे बचते हैं।

आठ महीने में तैयार हो जाती है फसल

मानसून आने पर ही किसान भाई हल्दी की खेती करें।किसान भाई यदि हल्की की खेती अपने आम और अमरुद के बगीचे में करना चाहते हैं तो बगीचे की जुताई करलें और पानी के निकास की बेहतर व्यवस्था करलें। उसके बाद हल्दी की बुवाई करें। हल्दी की बुवाई के लिए जून और जुलाई का महीना उचित माना जाता है। हल्की की फसल बुवाई से 8 महीने के बाद तैयार हो जाती है। समय समय पर खेत की सिंचाई भी करते रहें। एक एकड़ बगीचे में हल्दी की खेती करने में पर 80 हजार रूपये की लागत आती है। एक एकड़ में लगभग 200 कुंतल का उत्पादन होता है और इसको बेचकर किसान भाई 3 से 4 लाख रूपये तक की कमाई कर सकते हैं।

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