बंगाल में कोल्ड स्टोरेज संचालकों ने की बड़ी मांग, सरकार ने मान ली तो आलू हो जाएगा महंगा

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बारिश-ओलावृष्टि से परेशान पश्चिम बंगाल के आलू उत्पादक किसानों के लिए एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। आने वाले दिनों में उन्हें कोल्ड स्टोरेज के लिए किराए के तौर पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। क्योंकि पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ने सोमवार को सरकार से आलू के भंडारण के लिए किराया शुल्क तुरंत बढ़ाने की अनुमति देने की मांग की। कोल्ड स्टोरेज संचालकों का कहना है कि किराया कम होने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

सरकार ने पिछले दो साल से किराये में कोई संशोधन नहीं किया है। वहीं, जानकारों का कहना है कि अगर कोल्ड स्टोरेज का किराया बढ़ाया जाता है तो, इसका असर आलू के दाम पर भी पड़ेगा। इससे आलू महंगा हो सकता है। एसोसिएशन के अधिकारियों के अनुसार, सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने कोल्ड स्टोरेज के लिए इनपुट लागत, मरम्मत, मशीनरी के रखरखाव और श्रम लागत में वृद्धि की दर को ध्यान में रखते हुए 2023 की शुरुआत में किराये के शुल्क में वृद्धि की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। इससे कोल्ड स्टोरेज संचालकों को काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में कोल्ड स्टोरेज घाटे का सौदा बनता जा रहा है।

2012 के बाद से किराए में कोई संशोधन नहीं

पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी पतित पबन डे ने बिजनेसलाइन को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने दक्षिण और उत्तरी बंगाल के लिए कोल्ड स्टोरेज का किराया क्रमशः 190 रुपये और 194 रुपये प्रति क्विंटल की मांग की थी। लेकिन अभी भी सरकार द्वारा मौजूदा दरों को संशोधित करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में हमें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हम सरकार की सिफारिशों के अनुसार तुरंत संशोधन करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कोल्ड स्टोरेज का किराया 168 रुपये से 172 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। सरकार ने 2021 से कोल्ड स्टोरेज के किराए में संशोधन नहीं किया है।

पश्चिम बंगाल में 460 कोल्ड स्टोरेज

उन्होंने कहा कि हमारे सदस्य इन दरों पर कोल्ड स्टोरेज चलाने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं। कई ऑपरेटरों ने पहले ही अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए हैं। पिछले दो साल में करीब 50 ऑपरेटरों ने अपने कोल्ड स्टोरेज बंद कर दिए हैं। वहीं, बैंकों द्वारा कई संस्थाओं को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार किराया शुल्क में संशोधन के बारे में हमें 20 फरवरी तक सूचित नहीं करती है। हमें अंतिम निर्णय लेने के लिए आम बैठक बुलानी होगी। वर्तमान में लगभग 73 लाख टन की कुल क्षमता वाले आलू के भंडारण के लिए राज्य भर में 460 कोल्ड स्टोरेज हैं।

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