देश में कृषि ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है, तब से इसने किसानों का काम आसान कर दिया है। अब कीटनाशकों और तरल उर्वरकों जैसे नैनो डीएपी, नैनो यूरिया आदि का छिड़काव आसान हो गया है। अब घंटों का काम मिनटों में हो रहा है। कृषि ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों की लागत में कमी आने के साथ ही फसलों का नुकसान भी कम होने लगा है और इसी कारण इन दिनों कृषि ड्रोन की मांग लगातार बढ़ रही है। कृषि ड्रोन का संचालन करने वाली कंपनियों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षित वैध ड्रोन पायलटों की आवश्यकता महसूस हो रही है।
गौरतलब है कि इस समय देश में बड़ी संख्या में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके 2026 तक बढ़कर 6 लाख से अधिक होने की संभावना है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बाजार कितनी तेजी से बढ़ रहा है। किसानों के अलावा, निर्माता और किराए के ड्रोन भी कृषि ड्रोन की बढ़ती मांग से उत्साहित हैं। किसानों में ड्रोन पायलट बनने की दिलचस्पी इसलिए बढ़ी है क्योंकि सरकार ड्रोन खरीदने के अलावा इसकी ट्रेनिंग में भी अनुदान दे रही है। प्रशिक्षित पायलटों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा, क्योंकि हर ड्रोन के लिए एक प्रशिक्षित पायलट होना अनिवार्य है। मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में चयनित व्यक्तियों को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किसान ड्रोन प्रशिक्षण का कार्यक्रम भोपाल रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) में आयोजित किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि 10 लीटर टैंक क्षमता के कृषि ड्रोन की कीमत फिलहाल 6 से 10 लाख रुपये है। लेकिन महंगा होने के कारण ज्यादातर किसान कृषि ड्रोन किराए पर ले रहे हैं, जिनकी कीमत 500 से 900 रुपये प्रति एकड़ है। ड्रोन से समय बचाने के अलावा, इसके उपयोग से कीटनाशकों और तरल उर्वरकों का छिड़काव करके फसलों की दक्षता भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि ड्रोन के प्रति किसानों की रुचि बढ़ रही है। इसलिए, मध्य प्रदेश में कुल 6 किसान ड्रोन निर्माता हैं वॉव गो ग्रीन एलएलपी, दक्ष अनमैन्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, गरुड़ एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, मारुत ड्रोन टेक प्राइवेट लिमिटेड , नेपच्यून एरोटेक प्राइवेट लिमिटेड। , और आईओ टेक वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को पंजीकृत किया गया है।
जानिए क्या है कृषि ड्रोन पर अनुदान की पात्रता
कृषि ड्रोन की खरीद के लिये योजना के तहत अलग–अलग वर्गों एवं संस्थाओं को अलग –अलग अनुदान दिया जाएगा। किसान ड्रोन को क्रय करने पर निम्नानुसार अनुदान प्राप्त करने की पात्रता निर्धारित की गई है – व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्गत लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित , जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों हेतु यंत्र की कीमत का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 5,00,000 /- रुपए। व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्गत अन्य वर्ग के कृषकों एवं कस्टम हायरिंग केन्द्र के संचालकों हेतु यंत्र की कीमत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि 4,00,000 /- रुपए और कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) हेतु यंत्र की कीमत का 75 प्रतिशत अधिकतम राशि 7,50,000 /- रुपए निर्धारित किया गया है।
ड्रोन प्रशिक्षण प्रक्रिया
भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन संचालन हेतु ड्रोन पायलट के वैध लायसेंस लेना अनिवार्य है, जिन व्यक्तियों के पास अभी लायसेंस नहीं है, वह प्रशिक्षण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। अनुदान योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के कृषक / कस्टम हायरिंग केन्द्र संचालक / कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ ) श्रेणियों के अंतर्गत इच्छुक कृषक / केन्द्र संचालक / संस्था आवेदन के पात्र हैं। जिन आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों के पास ड्रोन पायलट के वैध लायसेंस नहीं है तथा यदि वे प्रशिक्षण प्राप्त कर इसे लेना चाहते हैं, तो उन्हें विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र में ड्रोन पायलट लायसेंस प्राप्त करने का अवसर मिलेगा । इच्छुक व्यक्ति जो ड्रोन पायलट के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें प्रशिक्षण शुल्क 30,000 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देना होगा।
उपरोक्त शुल्क में से 50 प्रतिशत अधिकतम 15,000 रुपए एवं जीएसटी अभ्यर्थी को वहन करना होगा तथा शेष 50 प्रतिशत राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी। उपरोक्त आवासीय प्रशिक्षण 07 दिवसीय (5 दिवसीय डीजीसीए द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण एवं 2 दिवसीय किसान ड्रोन संचालन) हेतु आवास एवं भोजन की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। जो आवेदक / प्रतिनिधि उपरोक्त प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं वे अपना ऑनलाइन आवेदन www.mpdage.org पर जाकर कौशल विकास का चयन कर अपनी जानकारी एवं अभिलेख अपलोड कर सकते हैं। प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होने पर चयनित आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों को अनुदान पर किसान ड्रोन खरीदने की पात्रता होगी।