देश में मशरूम की खेती का रकबा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश और ओडिशा समेत देश भर के किसान अब व्यावसायिक रूप से मशरूम की खेती कर रहे हैं और इससे किसानों की आय भी बढ़ रही है। क्योंकि मशरूम की मांग हमेशा बाजार में रहती है और इसका रेट 200 रुपये से 300 रुपये किलो के बीच होता है। लेकिन आज हम मशरूम की एक ऐसी ही किस्म के बारे में बात कर रहे हैं, जिसकी कीमत लाखों में है। यानी एक किलो मशरूम खरीदने के लिए आपको कई लाख रुपये खर्च करने होंगे।
दरअसल, मशरूम की जिस किस्म की हम चर्चा करने जा रहे हैं उसका नाम वर्मवुड है। लोग इसे हिमालयन गोल्ड के नाम से भी जानते हैं। वहीं, कई लोग इसे हिमालयन वियाग्रा भी कहते हैं। खास बात यह है कि हिमालय रेंज में आने वाले गांवों की अर्थव्यवस्था इस बात पर निर्भर करती है कि कीड़ा जड़ी-बूटी हुई है। इसका उपयोग सब्जी बनाने के साथ-साथ औषधीय दवाएं बनाने में भी किया जाता है। भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में इसकी मांग है। पहले कीड़े की लकड़ी प्राकृतिक रूप से हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर ही उगती थी, लेकिन अब लैब में भी इसकी खेती होने लगी है। कहा जाता है कि वर्मवुड से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की दवाएं भी बनाई जाती हैं। अगर किसान इसकी खेती करते हैं , देखते ही देखते करोड़पति बन सकते हैं।
सालाना 200 करोड़ रुपये का कारोबार होता है
इस समय वर्मवुड अंतरराष्ट्रीय बाजार में 20 लाख रुपये प्रति किलो बिक रहा है। यानी आप एक किलो वर्मवुड में 40 तोला सोना खरीद सकते हैं। इस तरह के वर्मवुड का वैज्ञानिक नाम कॉर्डिसेप्स साइनेंसिस है। एशिया में वर्मवुड का कारोबार सालाना करीब 200 करोड़ रुपये का है। बहुत से लोग भोजन के रूप में वर्मवुड का सेवन भी करते हैं। इसे खाने से शरीर को विटामिन, प्रोटीन और कई पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि वर्मवुड खाने से त्वचा चमकदार बनती है। इससे चेहरे पर ग्लो आता है।
इसकी खेती से आप बन सकते हैं करोड़पति
ऐसे जड़ी 3500 मीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक रूप से मिलती है। लेकिन अब हिमालय रेंज के किसान भी मेमनों में इसकी खेती करने लगे हैं। अगर आप लैब में इसकी खेती करना चाहते हैं तो आपको शुरुआत में 20 से 25 लाख रुपये खर्च करने होंगे. लैब में तापमान बनाए रखने के लिए एसी भी लगवाना होगा। इसके अलावा लैब में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिटी फायर सिस्टम भी आपको लगाना होगा। नोएटा और इटावा समेत कई जिलों में किसानों ने इसकी खेती शुरू भी कर दी है। यदि आप वर्मवुड की खेती शुरू करते हैं, तो आप एक वर्ष में 6 बार फसल काट सकते हैं। ऐसे में देखते ही देखते आप करोड़पति बन जाएंगे।
चीनी भी करते हैं इस जड़ी का प्रयोग
बता दें कि कीड़े की जड़ी बूटियों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि चीनी में भी है। कीड़े जड़ी-बूटियों के लिए चीनी सैनिक भारत में घुसपैठ की कोशिश भी, करते हैं, जो नाकाम हो जाती है। पिछले साल खबर सामने आई थी कि चीन ने कीड़ा जड़ी नाम की एक अनोखी जड़ी को चुराने के लिए अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 1993 में, चीनी राष्ट्रीय खेलों में 9 विश्व रिकॉर्ड तोड़ने वाली महिलाओं ने अपनी सर्वश्रेष्ठ जीत और सहनशक्ति का श्रेय इस जड़ी बूटी को दिया। इन महिलाओं ने खुलासा किया कि वे नियमित रूप से वर्मवुड ले रही थीं।