फरवरी में अचानक बढ़ी गर्मी तो गेहूं की फसल को हो सकता है नुकसान, करें ये पांच उपाय

Wheat Production

इस बार देश में गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में किसानों ने इस बार गेहूं की बंपर बुवाई की है। इस कारण इस रबी सीजन में गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बढ़ गया है। 12 जनवरी तक देश में गेहूं खेती का रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर था, जो साल भर पहले की समान अवधि में 335.67 लाख हेक्टेयर था। यही वजह है कि सरकार ने इस साल 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है। वहीं ठंड का मौसम भी गेहूं की फसल को सहारा दे रहा है। सर्दी-शीतलहर के कारण गेहूं तेजी से बढ़ रहा है।

वहीं जानकारों का कहना है कि अगर फरवरी से मौसम बदला और तापमान में इजाफा हुआ तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। क्योंकि फरवरी में तापमान बढ़ेगा और गर्मियां शुरू हो जाएंगी। इससे गेहूं की फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। नीचे बताए गए उपायों को अपनाकर वे अपनी फसलों को बेहतर रख सकते हैं।

फरवरी से बढ़ने लगता है तापमान

दरअसल, फरवरी के आने के साथ ही गर्मी की हल्की शुरुआत हो रही है। कुछ राज्यों में तापमान सामान्य से 1-3 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चला जाता है। वहीं, अगर पश्चिमी चक्रवात बनने की कोई संभावना नहीं है तो शुष्क मौसम गर्मी और पानी के दबाव को बढ़ा सकता है। इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ेगा। ऐसे में उत्पादन में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में किसानों को नियमित रूप से अपने खेतों में जाना चाहिए। साथ ही इसे फसलों की देखरेख में किया जाए। जानकारों के अनुसार गर्मी अधिक होने पर गेहूं की फसल की हल्की सिंचाई करनी चाहिए। खास बात यह है कि अगर हवा चल रही हो तो शाम के समय फसल की सिंचाई करें।

कीटों से बचाव के लिए करें ये उपाय

गेहूं में गुच्छे के समय आप 2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) का छिड़काव भी कर सकते हैं। इससे गेहूं की फसल को गर्मी से राहत मिलेगी और पौधे तेजी से बढ़ेंगे। वहीं गेहूं की फसल पर कीट हमले की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में किसान 20 ग्राम टायो प्रति एकड़ 100 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। इससे फसल को काफी फायदा होगा।

देश में बढ़ा है गेहूं का रकबा

12 जनवरी तक देश में 336.96 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 335.67 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में किसानों ने इस बार 4.4 फीसदी ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की है। यहां किसानों ने 101.41 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 97.12 लाख हेक्टेयर था। इससे राजस्थान और महाराष्ट्र में गेहूं बुवाई में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली है। पंजाब और हरियाणा में रकबा लगभग पिछले साल के बराबर ही है। कहा जा रहा है कि इस साल देश में गेहूं का बंपर उत्पादन होगा।

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