केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत भी नाकाम रही है। दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ताजा अपडेट के मुताबिक पता चला है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही अब 16 फरवरी यानी वो तारीख आ गई है, जिसमें पंजाब के किसान ही नहीं बल्कि देशभर के किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एक साथ खड़े हो जाएंगे। किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है।
किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखेंगे। हरियाणा सरकार हम पर गोली चला रही है। सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। किसानों ने सरकार के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिनमें लखीमपुर खीरी, गृह मंत्रालय, रेलवे और नए कानूनों के तहत मामले और नकली बीजों पर प्रतिबंध शामिल हैं। किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बातचीत भी नाकाम रही है। सरकार और किसानों के बीच बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है। दरअसल, किसान लगातार एमएसपी को लेकर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही सरकार ने बताया कि एमएसपी को रातों-रात वैध क्यों नहीं किया जा सकता।
बैठक में मौजूद थे पंजाब के सीएम भगवंत मान
किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आज किसानों और केंद्र के बीच लंबी चर्चा हुई। एक सप्ताह में यह तीसरी बैठक है। किसानों के विरोध प्रदर्शन से पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित है। हर विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा की गई है। बात बहुत ही सकारात्मक माहौल में हुई है। सीएम मान ने कहा कि छात्रों की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं और इंटरनेट का मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाया गया है। किसानों ने बैठक में केंद्रीय मंत्रियों को आंसू गैस के गोले भी दिखाए।
एमएसपी को लेकर कही ये बात
सामने आया है कि सरकार ने किसानों से कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के गेहूं और धान की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की गई है। गन्ना देश में उच्चतम दर है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद सुनिश्चित की गई है। फिर भी किसान सभी फसलों के लिए एमएसपी पर अड़े हुए हैं।
जानिए बैठक में कौन-कौन हुए शामिल
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि तीनों बैठकें बेनतीजा रहीं, लेकिन सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बातचीत गुरुवार शाम को हुई। जगजीत सिंह दल्लेवाल (अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर), शिव कुमार कक्का (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरकेएम), जरनैल सिंह (अध्यक्ष, बीकेयू, खेती बचाओ), सुरजीत फूल (अध्यक्ष, बीकेयू-क्रांतिकारी), सरवन सिंह पंढेर, (समन्वयक केएमएम)), अमरजीत सिंह मोहरी (अध्यक्ष, बीकेयू-शहीद भगत सिंह)), सुखजिंदर खोसा (अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा), मंजीत राय (अध्यक्ष दोआब) किसान यूनियन), बलवंत सिंह बेहरामके (अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके), जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आजाद), कुरुबु शांता कुमार (अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ), ), बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलाड़ा, लखविंदर सिंह औलख शामिल हुए।