किसान संगठनों ने 16 फरवरी को किया भारत बंद का ऐलान,किसानों का चक्का -जाम शुरू

Farmer Protest

अपनी मांगों को पूरा करने के लिए किसान ने 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया हैं। किसानों की जंग बढ़ते ही जा रही है। विरोध प्रदर्शनों के बाद अब  सड़कों पर किसानों ने चक्का-जाम कर दिया है। सयुंक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 तारीख को भारत बंद का आह्वान किया हैं। महाराष्ट्र राज्य किसान सभा के महासचिव राजन क्षीरसागर ने इसकी जानकारी दी है। इस बंद को ट्रेड यूनियनों से समर्थन दिया है और राज्य में हर जगह सड़क जाम,मार्च और बंद होंगे। मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों से किसान बर्बाद हो रहे हैं। जबकि कॉपोरेट कंपनियां मालामाल हो रही हैं।

किसानों का कहना है कि 383 दिनों तक चले किसान आंदोलन के दौरान कृषि उपज की कीमत की गारंटी का अधिकार देने वाला कानून बनाने का जो वादा किया गया था ,वह गायब हो गया है। इसके विपरीत ,विदेश कृषि उत्पादों के कर -मुक्त आयात से कपास और सोयाबीन की कीमतें कम हो गयी हैं। किसानों को गारंटी मूल्य से भी वंचित किया जा रहा हैं। इसके खिलाफ देशभर के 542 किसान सगठनों ने सयुंक्त किसान मोर्चा के जरिये शुक्रवार को भारत बंद आह्वान किया है।

सब्जियों ,अन्य फसलों की आपूर्ति और खरीद रहेगी बंद

सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि सब्जियों ,अन्य फसलों की आपूर्ति और खरीद निलंबित रहेगी। गांव की सभी दुकानें ,अनाज मंडियां,सब्जी मंडियां ,सरकारी और गैर सरकारी कार्यलाय,ग्रामीण औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संस्था और निजी क्षेत्र के उद्यमों को बंद रखने का अनुरोध किया गया है। शहरों की दुकानें और प्रतिष्ठान हड़ताल के घंटो के दौरान बंद रहेगी। बयान में कहा गया है कि सामान्य सार्वजनिक और निजी परिवहन सड़कों पर नहीं चलेंगे। एम्बुलेंस ,मृत्यु ,विवाह ,चिकित्सा दुकानें,समाचार पत्र आपूर्ति ,बोर्ड परीक्षा ,यात्रियों कि हवाई अड्डे तक आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता खोला जाएगा । किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के दौरान चक्का जाम ,रास्ता रोको और रोड पर धरने में शामिल होंगे।

किसानों का कहना है कि किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली सरकार ने उर्वरकों ,दवाओं और कृषि उपकरणों पर भारी जीएसटी कर लगाया है ,लेकिन उत्पादन की लागत बहुत बढ़ गयी है। वहीं सरकार में प्रदर्शनकारी किसानों को मारने वाले मंत्रियों को शामिल करते हैं। जबकि दिवंगत कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन और पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह चौधरी को भारत रत्न देने की घोषणा कर भाजपा सरकार यह दोहरापन कर रही है। लिहाजा सरकार की इन नीतिओं का विरोध हो रहा है।

किसानों ने की ये हैं प्रमुख मांगे

प्याज निर्यात प्रतिबंध रद्द किया जाए।

सूखा प्रभावित किसानों का कर्ज माफ किया जाए।

सूखे के उपाय शुरू किये जाने चाहिए।

फसल बीमा मुआवजा का भुगतान किया जाए तथा फसल बीमा योजना का पुनर्गठन किया जाए।

बिजली बिल बिल रद्द होने से पहले ही प्री-पेडोमीटर सिस्टम और योजना शुरू हो गई।

कृषि पंपों के लिए निःशुल्क एवं प्रचुर बिजली उपलब्ध करायें।

किसानों एवं खेतिहर मजदूरों के लिए पात्रता पेंशन योजना लागू की जाए।

 

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