हरियाणा: हरियाणा सरकार भूजल को बचाने के लिए “मेरा पानी मेरी विरासत” नाम की एक योजना चला रही है, योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के भूजल को बचाना है।
हरियाणा कृषि के क्षेत्र में दूसरे प्रदेशों से कहीं आगे है। राज्य में विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन होता है। हरियाणा में गेहूं, चना , सरसों, गन्ना, मक्का, मटर और विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई जाती है। यहां धान की बुवाई भी की जाती है ऐसे में धान की फसल में पानी की खपत ज्यादा होती है, ऐसे में राज्य का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार और किसान दोनों चिंतित हैं। घटते भूजल के स्तर को देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों से खरीफ के सीजन में धान की बुवाई करने के बजाय दूसरी फसल लगाने का अनुग्रह किया है। इसके लिए किसानों को वित्तीय सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी।
हरियाणा सरकार ने “मेरा पानी मेरी विरासत” नाम की योजना चलाई है,योजना का उद्देश्य प्रदेश के घटते भूजल को बढ़ाना है। सरकार का मानना है धान की खेती में पानी की अधिक खपत से प्रदेश का भूजल स्तर कम कम हो जाता है। यदि किसान धान के बजाय दूसरी फसल लगाएंगे तो पानी की खपत कम होगी। हरियाणा के किसान दूसरे राज्यों के मुकाबले फसलों को अधिक पानी देते हैं, ऐसे में आने वाले समय में भूजल का संकट ना आये इसको देखते हुए योजना चलाई जा रही है।
31 जुलाई तक करें आवेदन
यदि किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://fasal.haryana.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
प्रति एकड़ मिलेंगे 7000 रूपये
हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि धान कि जगह पर दूसरी फसल कि बुवाई करने पर किसान भाइयों को 7000 रूपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यदि किसान खेत में कोई भी फसल नहीं लगाएंगे तो भी उन्हें यह राशि प्रदान की जाएगी।
टोल- फ्री नंबर 01800-180- 211 पर मिलेगी जानकारी
यदि किसान भाई योजना से सम्बंधित किसी प्रकार की जानकारी लेना चाहते है तो वे टोल फ्री नंबर 01800-180- 211 पर कॉल करके योजना के बारे में ब्यौरा ले सकते हैं।