सोयाबीन,प्याज,कपास के बाद अब काजू किसानों कि मुसीबत बड़ा रहा है। सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और कोल्हापुर के किसान काजू के दाम गिरने से सरकार के विरुद्ध आक्रामक हो गए है। पहली बार, काजू बीज की कीमत की गारंटी के लिए तीन जिलों के काजू उत्पादक एक साथ आए हैं और उन्होंने आक्रामक रुख अपनाते हुए मैदान में उतरने का ऐलान किया है। किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर करेंगे।
सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और कोल्हापुर जिलों के किसान परेशान
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और कोल्हापुर जिलों में बड़े पैमाने में काजू की खेती की जाती है। काजू उत्पादन तीनों जिलों के लाखों परिवारों की आय का प्रमुख स्रोत है। तीनों जिलों का काजू बीज का कारोबार आम तौर पर चार से साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के बीच है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में काजू की कीमतों में गिरावट और उत्पादन पर बदलते मौसम के प्रभाव ने उत्पादकों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। बदलते मौसम और बारिश से काजू की खेती पर असर पड़ा है। इसलिए काजू उत्पादकों में बेचैनी का माहौल है। जो उत्पादक काजू की अच्छी कीमत मिलने का इंतजार कर रहे थे, उन्हें बेहद निराशा हुई।
तीनों जिलों के किसान करेंगे विरोध प्रदर्शन
असल में 126 प्रति किलो की दर की घोषणा के बाद काजू उत्पादक किसान और आक्रामक हो गए हैं। रत्नागिरी,सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर जिले के 17 तालुका किसान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।