राज्य के अंतरिम बजट में किसानों के लिए दिन में बिजली देने के अपने वायदे को सरकार अमलीजामा पहनाने जा रही है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और अर्थमंत्री अजित पवार ने जिसे चाहिए उसे सोलर कृषि पम्प योजना की घोषणा की थी। इस योजना के बारे में बताते हुए उपमुख़्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा की किसानों को दिन में बिजली मिल सके इसके लिए सरकार कोशिश कर रही है।
खेती की सिंचाई के लिए रात में बिजली की आपूर्ति की जाती है। इसके चलते किसानों को जागकर रात गुजारनी पड़ रही है। रात में सिचाई करने के दौरान अक्सर किसानों को जंगली जानवरों का खतरा झेलना पड़ता है। विकलांग किसानों के लिए रात में सिंचाई और भी मुश्किल है। कई बार सांप,बिच्छू के डंक से किसानों की जान चली जाती है। इसके चलते प्रदेश के किसानों की मांग रही है कि रात के बजाय दिन में बिजली की आपूर्ति की जाए।
बिजली आपूर्ति के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश
फड़नवीस ने कहा की राज्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से कृषि पंप चलाने की योजना 2016 में ली गई थी। तदनुसार, इस योजना के पहले चरण में, रालेगण सिद्धि में एक सौर ऊर्जा पंप स्थापित किया गया था। यहां 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा की गई। लेकिन अब किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना का अगला चरण 2.0 शुरू किया गया है। फड़णवीस ने कहा है कि इसके लिए हुडको के साथ एक करार किया गया है।
साथ ही किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए 9 हजार मेगावाट के कार्य के लिए आवंटन पत्र जारी किये गये हैं। इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और यह काम 18 महीने में पूरा किया जायेगा।
8 लाख सोलर कृषि पम्प दिए जायेंगे
किसानों को बिजली आपूर्ति के लिए सरकार को बिजली महंगे दामों पर लेनी पड़ती है लेकिन इस योजना से किसान सीधे तौर पर बिजली ले सकेंगे। और उन्हें सालाना प्रति एकड़ 1.25 लाख रेंट भी मिलेगा। किसानों को 8 लाख सोलर कृषि पम्प दिए जायेंगे।
रोजगार के नए अवसर
राज्य में किसानों की दिन के समय बिजली आपूर्ति की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना के तहत 2.0 योजना बनाई है। इससे बिजली की समस्या दूर हो जायेगी। इस योजना में 40,000 करोड़ का निवेश किया जायेगा जिससे राज्य में से 25,000 नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।