दिसपुर : असम में बाढ़ के कारण हालात बहुत गंभीर हो गए हैं और राहत की कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। प्रदेश में बाढ़ के प्रभाव से पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित है। बाढ़ में फसे लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत हुई है। असम राज्य की प्रमुख नदियाँ जैसे ब्रह्मपुत्र, अलग-अलग स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की आशंका जताई है जिससे जल स्तर और बढ़ सकता है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की शाम तक 4.95 लाख लोग बाढ़ से प्रभाववित हुए हैं। एक व्यक्ति की मौत हुई है जो उदलगुरी जिले के तामुलपुर में बाढ़ के कारण हुई है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रह्मपुत्र नेमाटीघाट (जोरहाट) और धुबरी में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।
पुथिमारी (कामरूप), पगलागिया (नलबाड़ी) और मानस (बारपेटा) जैसी अन्य नदियाँ भी लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है जिसके तहत लोगों से सतर्क रहने और राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और तूफान के बारे में अपडेट रखने की अपील की गई है। राज्य के सोलह जिले और चार अन्य उपमंडल बाढ़ के प्रभावित हैं। बजाली उपमंडल में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जिसके चलते 2.60 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सात जिलों में 83 राहत शिविरों में 14,000 से अधिक लोगों को रहने के लिए आवास दिया गया है जबकि अन्य 79 राहत वितरण केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं , नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठन और स्थानीय लोग मिलकर राहत एवं बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
सोनितपुर, बोंगाईगांव, दरांग, धुबरी, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, दक्षिण सालमारा और उदलगुरी जिलों में बाढ़ के कारण कटाव हुआ है। बोंगाईगांव और दिमा हसाओ जिले में भारी बारिश के कारण जमीन कई जगहों पर जमीन धस गई है । बारपेटा, सोनितपुर, दरांग, नलबाड़ी, बक्सा, चिरांग, धुबरी, कोकराझार, लखीमपुर, उदलगुरी, बोंगाईगांव, धेमाजी और डिब्रूगढ़ जिलों में बाढ़ के पानी के कारण बांध, सड़कें, पुल और व अन्य चीज़ों को क्षति हुई है। एएसडीएमए की रिपोर्ट के मुताबिक बारपेटा, दरांग, जोरहाट, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कोकराझार जिलों के कई शहरी क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं।