टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट के कारण दिसंबर में खाने की थाली के दाम में गिरावट आई है। वेज प्लेट की कीमत में 3 फीसदी और नॉन वेज प्लेट की कीमत में 5 फीसदी की कमी आई है। हालांकि, मौजूदा थाली की कीमतें पिछले साल दिसंबर की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक हैं। वहां दाल, सब्जियों के दाम ज्यादा होने की वजह से जनवरी में खाने की थाली के दाम बढ़ने की आशंका है।
त्योहारी सीजन के बाद टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट के कारण दिसंबर में एक मील प्लेट की कीमत में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नॉनवेज थाली की कीमत दिसंबर में 5 फीसदी घटकर 57.6 रुपये रह गई, जो पिछले महीने 60.4 रुपये थी। वहीं, वेज थाली की कीमत 3 फीसदी घटकर 29.7 रुपये रह गई।
अक्टूबर और नवंबर में बढ़े दाम
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 82 फीसदी और 42 फीसदी की वृद्धि के कारण अक्टूबर और नवंबर के महीने में शाकाहारी थाली की लागत बढ़ गई। शाकाहारी थाली की लागत में लगभग 9 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली दालों की कीमतें भी सालाना आधार पर 24 फीसदी बढ़ी हैं। हालांकि दिसंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट के कारण खाने की थाली के दाम में 4 फीसदी की गिरावट आई थी।
सब्जियों, दालों और अनाज से बढ़ी खुदरा मुद्रास्फीति
सब्जियों, दालों और अनाज की महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 5.6 फीसदी पर पहुंच गई। विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि दिसंबर में भी मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है और फसलों पर दबाव जारी रहने से खाद्य पदार्थों की कीमतें साल के बाकी समय में ऊंची बनी रह सकती हैं।
खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी
असल में नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 6.6 फीसदी थी। अनाज की मुद्रास्फीति लगातार 15वें महीने दोहरे अंक में बढ़ी और दालों की मुद्रास्फीति लगातार छठे महीने दहाई अंक में बढ़ी। नवंबर में सब्जियों की महंगाई दर में 17.7 फीसदीकी बढ़ोतरी दर्ज की गई।