दरभंगा: बिहार में किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। वर्तमान समय में भिंडी, शाही लीची, मखाना और मशरूम के उत्पादन में बिहार अग्रणी राज्य बन चुका है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा किसानों को बागवानी फसलों की खेती के लिए भी व्यापक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को आम, लीची, कटहल, पान, अमरूद, सेब और अंगूर की खेती पर नियमित अंतराल पर अनुदान प्रदान किया जाता है।
दूसरी सब्जियों के मुकबले महंगा बिकता है मशरूम
वर्तमान में बिहार सरकार मशरूम को अपनी प्राथमिकता बना रही है। सरकार का मानना है कि मशरूम की खेती से प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। मशरूम एक बागवानी फसल है और खेती में कम लागत आती है। इसके लिए खेत और सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। किसान भाई अपने घर में भी मशरूम की खेती कर सकते हैं । प्रदेश में हजारों किसान घर में मशरूम उगा रहे हैं और इससे वो अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। इसके अलावा, मशरूम, बैगन, लौकी, फूलगोभी और करेला समेत अन्य सब्जियों से मशरूम काफी महंगा बिकता है। मशरूम की खेती करने से किसानों को कम मेहनत में अधिक लाभ होता है।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना अंतर्गत मशरुम, मशरुम स्पॉन तथा मशरुम कम्पोस्ट उत्पादन इकाई के लिए सरकार दे रही 50% का अनुदान।@KumarSarvjeet6@SAgarwal_IAS@dralokghosh@Agribih@AgriGoI@abhitwittt@IPRD_Bihar #Mushroom #mushrooms #farming #Bihar #BiharAgricultureDept pic.twitter.com/Bn4E15UtlL
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) June 20, 2023
किसानों को 50% दी जाएगी सब्सिडी
बिहार में मशरूम उत्पादन करने वाले किसानों के लिए वर्तमान में एक सुनहरा मौका है। कृषि विभाग ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत मशरूम कंपोस्ट उत्पादन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने कंपोस्ट उत्पादन के लिए 20 लाख रुपये की इकाई लागत निर्धारित की है। यदि किसान भाई इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो वे उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें कि पिछले वर्ष बिहार में 28000 टन मशरूम पैदावार हुई थी।