रबी ने नहीं बढ़ाया सातवीं बार रेपो रेट, नहीं बढ़ेगी आपकी EMI

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आम आदमी की जेब पर ईएमआई का बोझ नहीं पड़ा है। क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस बार भी रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। असल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद ये फैसला किया गया है। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। हालांकि पहले से ही उम्मीद की जा रही थी कि रेपो रेट को लगातार सातवीं बार 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा जा सकता है।

दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछली बार रेपो दर में वृद्धि की थी केंद्रीय बैंक ने पिछली बार 8 फरवरी, 2023 को रेपो दर में वृद्धि की थी। तब आरबीआई ने रेपो दर को 0.25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। उसके बाद से एमपीसी की लगातार छह बैठकों में इन दरों में बदलाव नहीं किया था और इस बार भी यही उम्मीद लग रही थी।

बजट एमपीसी की बैठक के बाद पहली बार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट पेश करने के बाद आरबीआई एमपीसी की यह पहली बैठक थी। वहीं  जानकारों का मानना था कि इस बैठक के नतीजों का ऐलान करते समय आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो रेट को स्थिर रख सकते हैं, जबकि उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय बैंक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ और महंगाई पूर्वानुमान भी प्रकाशित कर सकता है। गौरतलब है कि शक्तिकांत दास ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि आने वाले साल में विकास दर 7 फीसदी के आसपास रह सकती है, जबकि महंगाई दर औसतन 4.5 फीसदी के आसपास रहेगी।

ऐसे होता है रेपो रेट ईएमआई को प्रभावित करता है

रेपो दर वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है। रेपो दर का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। दरअसल, आम लोगों द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की रेपो रेट ईएमआई में असर दिखाता है। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो आम लोगों के होम और कार लोन की ईएमआई घट जाती है और रेपो रेट बढ़ने पर कार और होम लोन की कीमतें बढ़ जाती हैं।

शेयर बाजार पर भी दिखता है असर

आमतौर पर आरबीआई की बैठक में लिए गए फैसले न सिर्फ आम लोगों को प्रभावित करते हैं, बल्कि शेयर बाजार की भी इस पर कड़ी नजर होती है। केंद्रीय बैंक की ओर से की गई घोषणाओं का असर कई कंपनियों या बैंकिंग शेयरों पर साफ दिखता है। आमतौर पर केंद्रीय बैंक के फैसले बाजार में उछाल लाते हैं, या वे गिरावट का कारण बनते हैं।

लाल निशान में पहुंचा शेयर बाजार

वहीं आरबीआई के फैसले के बाद सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन शेयर बाजार शुरुआत में दोनों इंडेक्स हरे निशान पर ओपन हुए थे। आरबीआई के रेपो रेट में किसी भी तरह के बदलाव के बाद शेयर बाजा नीचे की तरफ गया। हालांकि ये शुरुआती दौर था। हालांकि आरबीआई के फैसले के बाद एसबीआई के शेयरों में उछाल देखने को मिला है।

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