नई दिल्ली: सावन महीने की शुरुवात होने में मात्र दो दिन का समय बचा है। देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून के आगमन से झमाझम बारिश हो रही है। बारिश के कारण लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। किसान भाई खरीफ की फसलों की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं वही कुछ किसान धान की रोपाई के साथ,मक्का,अरहर,उड़द जैसी फसलों की बुवाई कर रहे हैं। ऐसे में IMD ने किसान फसलों की कटाई और बुवाई के लिए एग्रोमेट एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में बताया गया है कि किसान भाई कब तक फसलों की बुवाई और कटाई कर लें।
मानसून की आवक के साथ साथ किसान भाई खरीफ की फसलों की बुवाई में जुट गए हैं। बारिश के कारण खेतों में नमी आ गयी है ऐसे में किसान भाई अपने खेतों की जुताई करके खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं। IMD ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमे कहा गया है कि सम्बंधित राज्यों के किसान ख़रीफ़ के सीजन में फसलों की बुवाई और रोपाई शुरू कर दें। इस एडवाइजरी में यह जानकारी दी गई है कि किस राज्य के किसान कौन सी फसल की बुवाई करेंगे व फसल की कटाई सम्बन्धित जानकारी भी दी गई है।
एडवाइजरी की प्रमुख बातें
- एडवाइजरी में बताया गया है कि यूपी में किसान भाई मक्के की कटाई शुरू कर दें।जो किसान भाई धान की खेती के बारे में सोच रहे हैं वो नर्सरी लगाएं और जिन किसानों की धान की नर्सरी तैयार हो गई है वो खेत तैयार करके रोपाई शुरू करदें। दाल और तिलहन वाले फसल अरहर, उड़द और तिल की बुवाई करें।
- तमिलनाडु के किसान भाई कपास और कुंबू की कटाई करें। धान की फसल की कटाई करें एवं मक्के समेत मोटे अनाज की बुवाई करें।
- आंध्र प्रदेश में धान और रागी और कपास की बुआई करें।
- तेलंगाना के किसान भाई में धान के पौधों की नर्सरी लगाएं।
- हिमाचल प्रदेश में धान के पौधों की नर्सरी लगाएं और रोपाई शुरू करें। रागी समेत अदरक और हल्दी की बुआई करें।
- जम्मू-कश्मीर में पके हरे चने और काले चने की तोड़ाई करें। धान की फसल को काट कर मक्के को बोयें।
- पंजाब में चावल के पौधों की नर्सरी लगाएं या सीधे बोयें। सोयाबीन और मक्के को बोयें।गुजरात में किसान धान के पौधों की नर्सरी लगाएं। किसान हरा चना, कपास, मूंगफली, मक्का और बाजरे को बोयें।
- महाराष्ट्र के किसान धान के पौधों की नर्सरी लगाना शुरू करें। बाजरे और सब्जियों को की खेती में जुट जाएं।
इन राज्यों के किसान फसलों पर करें कीटनाशकों का छिड़काव
अधिक बारिश होने के कारण उत्तराखंड के किसान भाइयों को आलू के पौधे को पाले से बचाने के लिए मैंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव फसल के ऊपर छिड़काव करें इससे आलू के पौधों को पाले से बचाया जा सकता है।
बिहार में बारिश के बाद, मूंग की पौधे पर पर्ण छेदन कीट का प्रकोप बढ़ गया है। जब मौसम साफ हो जाए तो किसानों को प्रोफेनोफॉस या इमीडाक्लोप्रीड 17.8 एसएल या क्लोरफेनापायर एक लीटर पानी में मिलाकर मशीन से छिड़काव करें इससे फसल का बचाव होगा।
बंगाल में मौसम साफ होने पर मूंगफली की फसल में टिक्का बीमारी से बचाने के लिए किसानों को कार्बेंडाजिम एक ग्राम और मैंकोजेब दो ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर हर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करने से फसल अच्छी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा।