भारत में बढ़ती गर्मी महंगाई बढ़ा रही है यह हम नहीं बल्कि आरबीआई का कहना है। आरबीआई ने अपने मंथली बुलेटिन में मौसम में हो रहे बदलावों और वैश्विक तनाव को महंगाई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह माना है। बदलते मौसम का परिणाम खाद्य वस्तुओं पर पड़ा है। उधर ईरान और इजरायल के बीच तनाव, महंगाई की आग में घी डालने का काम कर रही है। वैश्विक स्तर पर लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव कच्चे तेल की कीमतों को अस्थिर कर रहा है। ऐसे में महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
100 डॉलर/बैरल तक जा सकता है कच्चा तेल
आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि इस गर्मी के सीजन में खाद्य महंगाई को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि खाद्य वस्तुओं की महंगाई बड़ा झटका दे सकती है। असमान्य मौसम महंगाई के लिए तो खतरा है साथ ही वैश्विक तनाव के कारण कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। हाल ही में कच्चा तेल 91 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा था और कई जानकार तो इसके 100 डॉलर प्रति बैरल तक जाने की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
वैश्विक तनाव से बड़ी चिंता
रूस और यूक्रेन, इजरायल और हमास और अब इजरायल और ईरान के बीच तनाव और संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतों के अस्थिर होने का खतरा बढ़ा है और आरबीआई ने भी इसे लेकर चिंता जाहिर की है। हालांकि, ईरान इजरायल वॉर का कच्चे तेल की कीमतों पर फिलहाल कोई बड़ा असर नहीं दिखा है, लेकिन रिजर्व बैंक को चिंता है कि अगर तनाव लंबा खिचा तो क्रूड आयल की कीमतों में अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
पांच महीने के निचले स्तर पर महंगाई दर
भारतीय रिजर्व बैंक अपनी हर हो महीने में होने वाली मौद्रिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई (CPI) के आंकड़ों पर फोकस रखता है। महंगाई मार्च महीने में पांच महीने के निचले स्तर 4.85 फीसदी पर पहुंची है, जो कि इससे पिछले दो महीनों में औसतन 5.1 फीसदी पर बनी हुई थी। महंगाई दर (India Inflation) में गिरावट के चलते फरवरी 2023 से ही रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों (Repo Rate) को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है।