दिल्ली: केंद्र सरकार ने अनाज का स्टॉक बढ़ाने के उद्देश्य से एक आदेश जारी किया है जो संभावित महंगाई को सामान्य करने का प्रयास है। केरल में मानसून की आगमन के बावजूद बारिश कम हो रही है और वहाँ अनाजों की तेजी से खरीददारी की जा रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश, और झारखंड सहित कई राज्यों में लू और अत्यधिक गर्मी का प्रकोप जारी है। बिहार और झारखंड में मानसून काआगमन हो चुका है लेकिन अन्य राज्यों में यह अभी तक हुआ नहीं है। जिससे अलनीनो का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बात की विशेषता है कि मानसून अपने नियमित समय से काफी देरी से चल रहा है। कई राज्यों में अभी तक मानसून पहुँच से दूर हैं । इस परिस्थिति में खरीफ मौसम के फसलों के किसान बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि यदि वर्षा नहीं होती है तो धान सहित कई फसलों की उपज कम होगी जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
बीते दिनों आईएमडी ने भविष्यवाणी की थी कि जून , जुलाई और अगस्त महीनों में बारिश अनुमान से कम होगी। इन महीनों के दौरान अलनीनो की 70% संभावना है। इसके अतिरिक्त अगस्त और सितंबर महीनों में अलनीनो का खतरा और बढ़ जाएगा। इस समय इसकी संभावना 80% तक बढ़ सकती है। इसलिए केंद्र सरकार पहले से ही अलनीनो के कारण बढ़ने वाली महंगाई के प्रति सतर्क हो गई है।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने महंगाई से निपटने के लिए अनाजों के स्टॉक को बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके लिए अनाजों की गति से खरीदारी की जा रही है। सरकार अनाजों के बोने से लेकर उत्पादन तक के आंकड़े भी एकत्र कर रही है ताकि सही स्थिति की पहचान की जा सके। केंद्र सरकार चीनी, गेहूं और चावल सहित कई खाद्य पदार्थों की खरीदारी को बढ़ा रही है ताकि बाजार में किसी भी आइटम की आपूर्ति प्रभावित न हो।
जुलाई के बाद त्योहारों की शुरुवात होगी। इस दौरान चीनी, गुड़, आटा, दाल और चावल की मांग बाजार में बढ़ जाएगी। इसलिए सरकार पहले से ही सभी तैयारियों को कर रही है ताकि मांग बढ़ने पर उपयुक्त खाद्य पदार्थों की आपूर्ति को तत्परता से पूरा किया जा सके। वर्तमान में खाद्य मंत्रालय गेहूं और चावल की खरीद पर गति बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार ने 2022-23 के बाजारी सीजन के लिए अब तक 5.58 करोड़ टन चावल खरीदा है। साथ ही 2023-24 के बाजारी सीजन के तहत अब तक 2.62 करोड़ टन गेहूं खरीदा गया है। सरकार का कहना है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में चावल और गेहूं के भंडार है जिसमें पिछले साल के मुकाबले 1.88 करोड़ टन अधिक है।
आटा, चीनी और चावल होंगे महंगे
कमोडिटी मार्केट विशेषज्ञ एस. वासुदेवन के मुताबिक यदि अलनीनो की स्थिति मजबूत हो जाती है तो इसका FMCG सेक्टर पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। इसके कारण आटा, चीनी और चावल महंगे हो सकते हैं। इस परिस्थिति में इनसे बने खाद्य पदार्थ भी महंगे हो जायेंगे। यही कारण है कि केंद्र सरकार गेहूं, चावल और चीनी के स्टॉक को बढ़ा रही है।