महाराष्ट्र के पुणे के जुन्नार में महा विकास अघाड़ी द्वारा ‘किसान आक्रोश मोर्चा’ की शुरुआत की जा रही है। मार्च की शुरुआत जुन्नार में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर के की जा रही है। किसानों के मुद्दे पर आवाज उठाने पर सांसद सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे को संसद से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद सांसद डॉ. कोल्हे और सुप्रिया सुले ने ‘किसान आक्रोश मोर्चा’ का शुभारंभ किया। मुख्य मांगों में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध तत्काल हटाना और निर्यात के लिए एक स्थायी नीति निर्धारित करना शामिल है। मार्च का समापन पुणे कलेक्टर के कार्यालय में प्रमुख नेताओं की बैठक के साथ होगा।
इस दौरान प्याज किसानों के अलावा डेयरी किसानों की आवाज भी बुलंद की जाएगी. मांग की जाएगी कि डेयरी किसानों को निजी और सहकारी समितियों के बीच अंतर किए बिना दूध बेचने के लिए 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी मिलनी चाहिए। राज्य सरकार ने केवल सहकारी डेयरियों पर दूध बेचने वाले किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की सहायता देने का फैसला किया है। जिसका राज्य में विरोध हो रहा है।
यह मांग भी उठाई जा रही है
मार्च के दौरान, आपदा प्रभावित तालुकों में कृषि के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग भी उठाई जा रही है। फसल बीमा कंपनियों से सूखे या अतिवृष्टि से प्रभावित होने वाले किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की जा रही है। किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी की भी मांग की जा रही है। इसके अलावा किसानों के बच्चों की शिक्षा के लिए लोन पॉलिसी लागू करने की भी मांग की जा रही है।
महाराष्ट्र में प्याज किसानों का मुद्दा गरमाया
राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस सहित महा विकास अघाड़ी के घटक दलों ने इन प्रमुख मांगों को लेकर मोर्चा का आह्वान किया है। 27 से 30 दिसंबर तक बड़ा किसान आक्रोश मोर्चा आयोजित किया गया है। जिसमें प्रदेश और देश के किसानों के मुद्दों को उठाया जाएगा। इन दिनों प्रदेश में प्याज किसानों का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. क्योंकि सरकार ने प्याज निर्यात पर रोक लगा रखी है. जिससे किसानों को मिलने वाले दाम में कमी आई है। केंद्र सरकार के इस फैसले का महाराष्ट्र में विरोध हो रहा है। जिसे खासतौर पर एनसीपी की ओर से उठाया जा रहा है।