महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने सुझाव दिया है कि राज्य में यूरिया और डीएपी का रिजर्व भंडार बनाए रखा जाना चाहिए ताकि खरीफ अवधि के दौरान यूरिया और डीएपी उर्वरकों की कमी न हो। मुंडे 2024 के खरीफ सीजन में यूरिया और डीएपी उर्वरक के रिजर्व स्टॉक की योजना बनाने के लिए आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
डेढ़ लाख मीट्रिक टन यूरिया और 2.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद के संरक्षित स्टॉक
धनंजय मुंडे ने कहा कि खरीफ सीजन के जून और जुलाई में यूरिया और डीएपी उर्वरकों की आवक मांग से कम रहने की आशंका है। इसलिए, संभावित कमी से बचने के लिए स्टॉक को रिजर्व किया जाना चाहिए। डेढ़ लाख मीट्रिक टन यूरिया और 2.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद के संरक्षित स्टॉक को बनाए रखना है। इसके लिए खाद भंडारण, परिवहन बीमा, खाद की हैंडलिंग, जीएसटी सेवा शुल्क आदि जैसे आकस्मिक खर्चों के लिए नोडल एजेंसियों को धन उपलब्ध कराया जाएगा।
खरीफ सीजन में बढ़ेगी रासायनिक उर्वरकों की मांग
2024 के ख़रीफ़ सीज़न के दौरान औसत वर्षा का अनुमान है ऐसे में रासायनिक उर्वरकों की मांग बढ़ सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति में दिक्कतें आ सकती हैं। सीजन के दौरान बुआई और तैयार फसलों के लिए नाइट्रोजन उर्वरक की दूसरा खुराक देने के लिए किसानों द्वारा बुआई के समय यूरिया उर्वरक और डीएपी उर्वरक की एक साथ मांग की जाती है।
ऐसे समय में रेलवे यातायात बाधित होने व अन्य कारणों से किसानों को समय पर खाद की आपूर्ति नहीं हो पाती है। इसके लिए खाद के स्टॉक को सुरक्षित रखना जरूरी है। इस साल आगामी खरीफ सीजन के लिए डेढ़ लाख टन यूरिया और 2.5 लाख टन डीएपी खाद के स्टॉक को मंजूरी दी गई है।
किसान रखें मिट्टी की गुणवत्ता का खयाल
खेत में 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है लेकिन किसान सबसे ज्यादा यूरिया और डीएपी का ही इस्तेमाल करते हैं। नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का ज्यादा इस्तेमाल होने से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है, इसलिए अब किसानों को कहा जा रहा है कि वो मिट्टी की जांच करवा लें। खेत में जिस पोषक तत्व की कमी है उसे ही डालें। इससे यूरिया और डीएपी की खपत कम होगी। लेकिन दोनों की खपत कम नहीं हो रही है, इसलिए इन दोनों खादों का रिजर्व स्टॉक बनाया जा रहा है।
राज्य सरकार नैनो यूरिया और डीएपी को बढ़ावा देगी
कृषि मंत्री मुंडे ने यह भी निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास निगम, महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन महासंघ और विदर्भ सहकारी विपणन महासंघ को स्टॉक की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुप कुमार, कृषि आयुक्त प्रवीण गेदाम, विदर्भ मार्केटिंग फेडरेशन के अरुण दलाल, महाराष्ट्र कृषि एवं उद्योग विकास निगम के महेंद्र बोरसे सहित कई अधिकारी मौजूद थे। राज्य सरकार ने नैनो यूरिया और डीएपी को बढ़ावा देने का भी प्लान बनाया है।