अब किसान गोदाम में रखे माल पर भी लोन ले सकेंगे। केंद्र सरकार जल्द ही नई योजना लेकर आ रही है। इस योजना के तहत वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्लूडीआरए) से रजिस्टर्ड गोदामों में रखे उत्पादों पर किसान लोन ले सकेंगे। बिना कुछ गिरवी रखें सात प्रतिशत की ब्याज दर पर किसानों को आसानी से लोन मिल जाएगा।
लोकसभा चुनाव करीब हैं, ऐसे में केंद्र सरकार किसानों के लिए आए दिन नई नई योजनाओं की झड़ी लग रही है। इसी कड़ी में अब गोदाम में रखे माल पर लोन की योजना सरकार लेकर आई है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में डब्लूडीआरए की ई किसान उपज निधि की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जानकारी दी।
खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी
गोयल डब्ल्यूडीआरए की ई-किसान उपज निधि के लॉन्च के अवसर पर कहा कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े बैंक किसानों को ब्याज दर और राशि चुनने का विकल्प भी प्रदान करेंगे. उन्हें आसानी से लोन मिल जाएगा।
देशभर में करीब 5,500 गोदाम पंजीकृत हैं
देशभर में 5,500 गोदाम पंजीकृत हो चुके हैं। गोयल ने कहा कि भंडारण के लिए सुरक्षा जमा शुल्क बहुत जल्द कम किया जाएगा। इन गोदामों में अपनी उपज रखने के लिए किसानों को पहले 3 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना पड़ता था। अब सिर्फ 1 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा।
ई-किसान उपज निधि से किसानों को होगा फायदा
ई-किसान उपज निधि और तकनीक की मदद से किसानों की उपज के भंडारण की व्यवस्था सरल होगी। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में सहायता मिलेगी। ई-किसान उपज निधि संकट के समय किसानों को अपनी उपज कम कीमत पर बेचने से रोकेगी। भंडारण और रख-रखाव की अच्छी सुविधाओं के अभाव के कारण किसानों को अपनी फसल सस्ते दामों पर बेचनी पड़ती है। अब इस सुविधा से किसानों अपनी उपज की उचित कीमत मिलेगी।
गोयल ने कहा कि डब्ल्यूडीआरए के तहत गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है और कृषि उपज को अच्छी स्थिति में रखा जाता है और खराब नहीं होने दिया जाता है और इस प्रकार यह किसानों के कल्याण को बढ़ावा देता है।
डब्ल्यूडीआरए की पहल की सराहना
ई-किसान उपज निधि प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से बताते हुए गोयल ने कहा कि अपनी सरलीकृत डिजिटल प्रक्रिया के साथ यह पहल किसानों के लिए किसी भी रजिस्टर्ड डब्ल्यूडीआरए गोदाम में 6 महीने की अवधि के लिए 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर भंडारण की प्रक्रिया को आसान बना सकती है।उन्होंने गोदाम रजिस्ट्रेशन के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करने की डब्ल्यूडीआरए पहल की सराहना की, जिसमें साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। इस पोर्टल पर 1 लाख गोदामों को रजिस्टर्ड करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1500 गोदाम रजिस्टर्ड किए गए थे।
इंटरकनेक्टिड मार्केट की टेक्नोलॉजी का उपयोग
गोयल ने इस बात पर बल दिया कि ‘ई-किसान उपज निधि’ और ई-नाम के साथ, किसान एक इंटरकनेक्टिड मार्केट की टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर या उससे ज्यादा दाम पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा पहुंचाती है।
गोदामों को फ्री रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव
गोयल ने कहा कि पिछले एक दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है। विश्व की सबसे बड़ी सहकारी खाद्यान्न भंडारण योजना के बारे में बोलते हुए मंत्री ने डब्ल्यूडीआरए से सहकारी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गोदामों का फ्री रजिस्ट्रेशन करने के एक प्रस्ताव की योजना बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र के गोदामों को सहायता देने की पहल से किसानों को डब्ल्यूडीआरए गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने के लिए बढ़ावा मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी फसल बेचने पर उचित मूल्य मिल सकेगा।