फसल बीमा क्लेम की जानकारी के लिए किसान नहीं करेंगे इंतजार, जल्द आ रहा है टोल फ्री नंबर

crop insurance

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जल्द ही किसानों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। किसानों को खेती में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेमौसम बारिश, आंधी और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं में किसानों की फसलें नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में किसान अपनी फसलों के नुकसान से बचने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत अपनी फसलों का बीमा कराते हैं। वहीं बीमा कंपनियां फसलों का बीमा करते समय किसानों से बड़े वादे करती हैं, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल बर्बाद हो जाती है तो कई बार कंपनियां दावा देते समय किसानों से कई चक्कर लगवा लेती हैं।

जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है। किसानों की इसी तरह की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एक टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा है, जो सिर्फ फसल बीमा दावे की समस्याओं के समाधान के लिए होगा। आइए जानते हैं यह टोल फ्री नंबर कब आ सकता है।

अगले हफ्ते शुरू होगा टोल फ्री नंबर

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक करीब 37 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। वहीं किसानों को प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा मिलता है, लेकिन फसल नष्ट होने के बाद किसानों के दावा करने पर उनकी स्थिति बताने वाला कोई नहीं रहता। किसान इंतजार कर सकते हैं कि उनका क्लेम कब मिलेगा और अगली फसल कब मिलेगी हम तैयारी कर लेंगे, लेकिन अब देश के किसानों को इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि जल्द ही किसानों की फसल बीमा से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान एक फोन कॉल पर किया जाएगा।

किसान कर सकेंगे शिकायत

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एक टोल फ्री नंबर 14447 जारी करेगा। इस टोल फ्री नंबर से देश के किसी भी कोने में बैठे किसान अपने दावों की स्थिति जान सकेंगे और संबंधित शिकायतें कर सकेंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ में इसका पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है,, जिसके बाद इस नंबर को पूरे देश के लिए लॉन्च किया जाएगा। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, टोल फ्री नंबर पूरी तरह से तैयार है, संभावना है कि इसे अगले हफ्ते लॉन्च किया जाएगा।

ऐसे होगी समस्या का समाधान

किसानों को अपनी समस्या के समाधान के लिए इस टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल करना होगा। फिर बीमा से जुड़े दस्तावेज और प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी देनी होगी। इसके बाद उन्हें एक आईडी दी जाएगी। इतना ही नहीं शिकायत दर्ज कराने के बाद किसानों को एक एसएमएस मिलेगा। उसके बाद जब किसान शिकायत पर फॉलोअप करना चाहेगा तो उसे फोन करके आईडी बताना होगा, जिसके बाद उन्हें सारी स्थिति मिल जाएगी।

 

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