महाराष्ट्र में लागु होगी एक गांव एक दूध संस्थान योजना

घाटे में चल रही महानंद डेयरी को संकट से उबारने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक गांव एक दूध संस्थान की योजना बनाई है। महानंद डेयरी के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एक गांव एक दूध संस्थान की संकल्पना को महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एक गांव एक दूध संस्थान की संकल्पना

सरकार प्राथमिक दुग्ध संस्थान, जिला संघ और महासंघ की त्रिस्तरीय प्रणाली विकसित करने के लिए प्रति गांव एक दुग्ध संस्थान की संकल्पना को लागू करने की योजना बना रही है।

महानंद की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक व्यापक योजना

वित्तीय संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुग्ध महानंद को पांच साल के लिए राष्ट्रीय दुग्ध बोर्ड को सौंपा जाएगा। एनडीडीबी ने महानंद की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। इसमें कई उपाय सुझाए गए हैं।

योजना में सहकारी संघों की त्रिस्तरीय संरचना होगी

इस योजना में सहकारी संघों की त्रिस्तरीय संरचना होगी तथा ‘एक गांव, एक संगठन’, ‘एक जिला, एक टीम’ तथा ‘एक राज्य, एक ब्रांड’ का व्यावसायिक दृष्टिकोण कायम रखा जायेगा।

दूध कलेक्शन आठ लाख से  घटकर 25 से 30 हजार लीटर

2005 में ‘महानंद’ का दूध कलेक्शन करीब आठ लाख लीटर था। यह फिलहाल घटकर 25 से 30 हजार लीटर रह गया है। पिछले 15 सालों से ‘महानंद’ का मुनाफा लगातार गिर रहा है। महानंद 15 करोड़ के घाटे में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *