केन्द्र सरकार ने प्याज को लेकर मीडिया में आयी खबरों को लेकर सरकार का रूख साफ किया है। सरकार का कहना है कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च तक लगाया था और ये तब तक जारी रहेगा। प्रतिबंध हटाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। असल में मीडिया में इस तरह की खबर आयी थी कि चार दिन पहले सरकार ने प्याज निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है। लेकिन अब सरकार ने कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च 2024 के बाद भी जारी रहेगा। यह फैसला सरकार कीमतों को नियंत्रण में रखने और घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। गौरतलब है कि प्याज के निर्यात पर रोक सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को लगा दी थी।
17 फरवरी को प्याज की कीमतें पहुंची 1,280 रुपये प्रति क्विंटल
वस्तु पर निर्यात प्रतिबंध हटाने कि रिपोर्ट पर देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव में 19 फरवरी को मोडल थोक प्याज कि कीमतें 40.62 प्रतिशत बढ़कर 1,800 रूपये प्रति क्विंटल हो गईं,जो 17 फरवरी को 1,280 रूपये प्रति क्विंटल थी।
चुनावों से पहले प्रतिबंध हटाए जाने की संभावना नहीं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्याज पर प्रतिबंध चुनाव से पहले हटना असंभव है। क्योंकि रबी (सर्दियों) प्याज का उत्पादन कम होने की आशंका है। क्योंकि महाराष्ट्र में किसानों ने प्याज पर कम दिलचस्पी दिखाई है है। जिसके कारण इस बार प्याज का उत्पादन कम हो सकता है। गौरतबलब है कि 2023 के रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 22.7 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया था। वहीं कृषि मंत्रालय के अधिकारी आने वाले दिनों में प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में रबी प्याज कवरेज का आंकलन करेंगे। इस बीच, अंतर-मंत्रालयी समूह से मंजूरी के बाद केस-टू-केस आधार पर मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
किसान कर रहे हैं प्रतिबंध हटाने की मांग
देश में सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के किसान केन्द्र सरकार के फैसले से नाराज हैं और वह प्याज से प्रतिबंध हटाने की मांग लगातार कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि प्याज की लागत भी नहीं निकल पा रही है।