आम जनता के लिए अच्छी खबर है। अगले महीने से प्याज की कीमतों में गिरावट आ सकती है। 50 से 60 रुपये किलो बिकने वाले प्याज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो तक आ सकती है। यदि ऐसा होता है तो रसोई का बिगड़ा हुआ बजट वापस पटरी पर आ जाएगा। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर रोक लगाए जाने से प्याज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से इसके दाम कम होने की उम्मीद बढ़ी है। उनके अनुसार, प्याज की कीमतें जनवरी तक 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम के मौजूदा औसत मूल्य से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से कम हो जाएंगी। सिंह ने कहा कि लोगों को प्याज की बढ़ती कीमत से परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसकी कीमत 60 रुपये प्रति किलो के पार नहीं जाएगी। उनके अनुसार, आज सुबह अखिल भारतीय औसत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम है और यह 60 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होगा।
9.75 लाख टन प्याज का निर्यात
वित्त वर्ष 2023-24 , एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से सबसे ज्यादा प्याज खरीदा है। हालांकि, चालू खरीफ सीजन में प्याज का रकबा घटने से कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी।
प्याज के निर्यात पर रोक
केंद्र सरकार प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह अक्टूबर से खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज बेच रहा है। सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर की अवधि के लिए प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी लगाया है। अगस्त में, भारत ने 31 दिसंबर तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। जब इसके बाद भी कीमतों में गिरावट नहीं आई तो सरकार ने शुक्रवार को 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी।