एपीएमसी एक्ट में बदलाव को लेकर महाराष्ट्र में कारोबारियों और मंडी समितियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। बाजार समिति की नीति में बदलाव और बिना चुनाव कराए बाजार के प्रबंधन के लिए स्थायी प्रशासक नियुक्त करने का केंद्र सरकार का फैसला देश में किसानों के अधिकारों का उल्लंघन है। असल में स्वाभिमानी शेतकर संगठन के नेता राजू शेट्टी ने बताया कि केंद्र सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले नहीं तो वे 26 फरवरी को राज्य कि बाजार समितियां बंद कर इस फैसले का विरोध करेंगे।
केंद्र सरकार कृषि नीति को लेकर कई गलत फैसले ले रही है। जिससे देश के किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। फ़िलहाल केंद्र सरकार देश में बाजार समितियों का चुनाव कराए बिना ही स्थायी प्रशासकों कि नियुक्ति का फैसला कर रही है। सरकार द्वारा नियुक्त निदेशक मंडल में सत्तारूढ़ दल के सात या बारह सदस्य और चुनाव में सहयोग देने वाले व्यवसायी शामिल होंगे। इस निर्णय से मंडी समितियों में एकाधिकार स्थापित हो जायेगा तथा मंडी समिति में किसानों का अधिकार समाप्त हो जायेगा। यह सच है कि देश में बाजार समितियां राजनेताओं की पिट्ठू बन गई हैं। हालाँकि, इसके लिए स्थायी प्रशासक नियुक्त करना गांठ के कारण घर को जलाने जैसा है।
किसानों को हो मतदान का अधिकार
संगठन के नेता राजू शेट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार को भी बाजार समिति पर प्रशासक नियुक्त किए बिना मौजूदा चुनाव प्रक्रिया में संशोधन करना चाहिए और संबंधित बाजार समिति के क्षेत्र में सभी किसानों को मतदान का अधिकार देना चाहिए। ताकि वे किसानों के दबाव में मामलों को नियंत्रित कर सकें। इसमें बाजार समिति में कार्यरत मठाधीशों, व्यापारियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना आवश्यक है। केंद्र सरकार को बाजार समितियों में बुनियादी ढांचे, कदाचार और भ्रष्ट आचरण पर अंकुश लगाने के लिए नई नीति जैसी चीजों पर ध्यान देना चाहिए।
26 फरवरी को किया जाएगा आंदोलन
साथ ही कई लोगों ने इस बात का भी विरोध किया कि केंद्र सरकार ने प्याज किसानों का मजाक उड़ाया है और प्याज पर से निर्यात प्रतिबंध हटा दिया है। हालांकि, लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि प्याज निर्यात पर 31 मार्च तक प्रतिबंध बरकरार रखा गया है। केंद्र सरकार व्यापारियों, तस्करों और दलालों के हितों को आंखों के सामने रखकर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। इसके चलते स्वाभिमानी किसान संघ की ओर से बाजार समिति और प्याज निर्यात प्रतिबंध नीति के खिलाफ 26 फरवरी को राज्यव्यापी बाजार समिति बंद का आह्वान किया गया है। राजू शेट्टी ने राज्य की सभी बाजार समितियों के साथ-साथ व्यापारियों से स्वाभिमानी शेतकर संगठन के इस आंदोलन का समर्थन करने की अपील की है।