झारखंड के किसानों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि प्रदेश में धान की खरीद 28 दिसंबर से शुरू होगी। वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने इसकी पुष्टि की है और उन्होंने कहा है कि आमतौर पर धान की खरीद 15 दिसंबर से शुरू होती है। लेकिन इस बार पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के कारण खरीद में देरी हुई। उन्होंने बताया कि राज्य खाद्य निगम विकास के प्रबंध निदेशक को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया था। इस वजह से धान खरीदी शुरू होने में देरी हुई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बार राज्य सरकार अपने खजाने से धान उत्पादक किसानों को 117 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देगी और इस तरह किसानों को धान का भाव 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा। वहीं, रामेश्वर उरांव का कहना है कि हमने 60 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है और जरूरत पड़ने पर हम लक्ष्य में संशोधन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें पिछले साल से इस बार लक्ष्य कम करना पड़ा क्योंकि सूखे के कारण दुमका और साहिबगंज जैसे जिलों में धान का उत्पादन कम हो गया है। ऐसे में इन जिलों में किसान कम संख्या में धान बेचने के लिए क्रय केंद्र पहुंचेंगे।
केंद्र को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार ने धान अधिप्राप्ति की पूरी तैयारी कर ली है और प्रदेश भर में 500 खरीदी केंद्र स्थापित करने की योजना है। धान क्रय केंद्र पर किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश में अनियमित और असामयिक वर्षा के कारण बंपर फसल की उम्मीद नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार ने लगातार दूसरी बार ऐसा किया है। सरकार ने राज्य के बड़े हिस्से में सूखे जैसी स्थिति की बात स्वीकार की है लेकिन सूखा घोषित करने के लिए केंद्र को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
कांग्रेस नेता ने की ये मांग
इस बीच खबर है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख ने धान खरीदी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि प्रदेश में धान की खरीदी ढाई माह पहले शुरू हुई थी। लेकिन, नई सरकार ने वादा किया है कि वह किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदेगी। ऐसे में किसान असमंजस में हैं। क्योंकि प्रदेश की नई सरकार ने सिर्फ 21 क्विंटल धान खरीदी की मंजूरी दी है। ऐसे में कांग्रेस प्रमुख ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल का तत्काल भुगतान करने की मांग की है।