पूर्वी उत्तर प्रदेश को आज अमूल के नए प्लांट का उद्घाटन होने वाला है और इसका उद्घाटनपीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इस प्लांट के लिए रोजाना करीब 10 लाख लीटर दूध की जरूरत होगी। इस प्लांट का काम साल 2021 में शुरू हुआ था। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यह अच्छी खबर जिलों के पशुपालकों के लिए है। अब उन्हें अपने पशुओं का दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इतना ही नहीं दूध के दाम भी अच्छे होंगे। वाराणसी में यह मिल्क प्लांट अमूल और बनास डेयरी के सहयोग से शुरू होने जा रहा है।
बनासकांठा के एमडी संग्राम चौधरी, का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस प्लांट से पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के उस सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं जो उन्होंने अक्टूबर 1964 में गुजरात के आणंद की यात्रा के दौरान देखा था।उन्होंने मिल्कमैन डॉ. वर्गीज कुरियन से आनंद डेयरी के बारे में सुनने के बाद कहा कि ‘इसका मतलब है कि हमें कई खुशियां मिल सकती हैं। आप पूरे भारत में हैं आनंद जैसे संस्थानों का निर्माण करें, भारत सरकार आपको एक ब्लैंक चेक देगी। मतलब बजट की कमी आड़े नहीं आएगी।
जानें पूर्वी यूपी को कैसे होगा फायदा
अमूल और बनास डेयरी के सहयोग से वाराणसी में बने इस प्लांट को बनास काशी संकुल नाम दिया गया है। यह पूरी तरह से हाईटेक है। बनास काशी परिसर 30 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। संयंत्र में प्रति दिन 10 लाख लीटर दूध संसाधित करने की क्षमता है। परियोजना की कुल लागत 622 करोड़ रुपये है। इस प्लांट का शिलान्यास करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि इस प्लांट का मकसद छोटे और सीमांत किसानों की आय के स्तर को बढ़ाना है।
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
इसके लिए डेयरी क्षेत्र एक उपयुक्त संसाधन है। रोजगार की बात करें तो बनास डेयरी इस प्लांट के माध्यम से 500 लोगों को प्रत्यक्ष और 80 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराएगी। इसमें दुग्ध उत्पादक और किसान भी शामिल हैं। प्लांट से जुड़े जानकारों की मानें तो रोजगार का यह आंकड़ा आने वाले समय में तीन लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
बनास-काशी प्लांट से इन शहरों को होगा फायदा
बनास काशी संकुल से शुरू होने वाला यह प्लांट वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में नए रोजगार उपलब्ध कराने और आर्थिक और सामाजिक विकास को नई गति देने में बड़ी भूमिका निभाएगा। यह प्लांट दो साल में बनकर तैयार हुआ है। डेयरी विशेषज्ञों की मानें तो 10 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले इस प्लांट से पूर्वी यूपी के 30 से ज्यादा शहरों को फायदा होगा। लेकिन वाराणसी और उसके आसपास के जिलों जैसे पशुपालकों और जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, आजमगढ़ आदि शहरों के किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा।