अनाज, दलहन और तिलहन का उत्पादन घट सकता है, चीनी में चार फीसदी की कमी का अनुमान

Production of grains pulses and oilseeds

कृषि वर्ष 2023-24 में देश का खाद्यान्न उत्पादन 3.2 प्रतिशत घटकर 318.6 करोड़ टन रह सकता है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार कम पैदावार और अनियमित बारिश के कारण खरीफ और रबी में उत्पादन एक साल पहले की तुलना में कम होने का अनुमान है। सीएमआईई के अनुसार पिछले साल 5.6% कम बारिश हुई थी। इससे खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा कम हो गया। रबी में उत्पादन भी बाधित हो सकता है क्योंकि चावल और सोयाबीन जैसी फसलों की देर से कटाई में बुआई में देरी हुई है।

सीएमआईई के अनुसार पिछले साल 5.6% कम बारिश हुई थी। इससे खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा कम हो गया। रबी में उत्पादन भी बाधित हो सकता है क्योंकि चावल और सोयाबीन जैसी फसलों की देर से कटाई में बुआई में देरी हुई है । खाद्यान्न उत्पादन 3 प्रतिशत घटकर 29.44 करोड़ टन रहने का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक रह सकता है।

वहीं चावल का उत्पादन 2.2 प्रतिशत घटकर 13 करोड़ 27 लाख टन रह सकता है। जबकि मक्का और बाजरा के उत्पादन में गिरावट के कारण मोटे अनाजों का उत्पादन 12.9 प्रतिशत घटकर 4.99 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। दालों का उत्पादन साढ़े सात प्रतिशत घटकर दो करोड़ 41 लाख टन रह सकता है। गेहूं का उत्पादन 1.1 प्रतिशत बढ़कर 11.2 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।

चीनी उत्पादन 4 फीसदी कम होने का अनुमान

देश का चीनी उत्पादन 2023-24 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में लगभग 4 प्रतिशत घटकर 3.16 करोड़ टन रहने का अनुमान है। सोमवार को उत्पादन का पहला अनुमान जारी करते हुए अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ ने कहा 3.16 करोड़ टन चीनी उत्पादन और 57 लाख टन के शुरुआती स्टॉक के साथ चीनी की उपलब्धता 3.73 करोड़ टन रहने की संभावना है। यह 2.9 करोड़ टन की अनुमानित घरेलू खपत से अधिक है। 2023-24 सीज़न में यूपी में चीनी का उत्पादन 11.7 मिलियन टन से अधिक होने का अनुमान है। महाराष्ट्र में उत्पादन 96 लाख टन और कर्नाटक में 47 लाख टन रहने का अनुमान है।

 

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