राजस्थान में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की नीतियों का वितरण कर रबी 2023-24 के ‘मेरी नीति मेरे हाथ’ अभियान का राज्य स्तरीय कार्यक्रम शुरू किया गया है। अभियान के तहत किसानों को समय पर बीमा पॉलिसी की हार्ड कॉपी नहीं मिलने से क्षतिग्रस्त फसल की जानकारी मिलेगी और प्रदेश भर में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर लगाकर किसानों को बीमा के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसका वितरण 2 फरवरी से 29 फरवरी तक किया जा रहा है। इन शिविरों में पॉलिसी प्राप्त करने से वंचित रहने वाले किसान संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से अपनी फसल बीमा पॉलिसी प्राप्त कर सकेंगे।
राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि ओलावृष्टि, चक्रवात और चक्रवाती बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इन आपदाओं से किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) वरदान साबित हो रही है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रचार-प्रसार और किसानों को बीमा दावों का समय पर भुगतान होने के कारण यह योजना लागू की गई है।
27.84 किसानों को मिली मदद
उन्होंने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सहायता आर्थिक मजबूती देती है, जिससे वे अपने परिवार की अच्छी तरह से देखभाल कर पाते हैं। नीति वितरण के दौरान किसान पाठशाला के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। बीमा कंपनियों ने प्रदेश के सभी ग्राम पंचायत स्तरों पर शिविर आयोजित किए और लगभग 27.84 लाख किसानों को लगभग 1.59 लाख रुपये दिए गए। करोड़ों की पॉलिसी बांटी जाएगी।
फसल बीमा प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों को खरीफ फसल के लिये 2% प्रीमियम, रबी फसलों के लिये 1.5% और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। खरीफ 2022 से सभी श्रेणी के किसानों के लिये फसल बीमा स्वैच्छिक है। लेकिन ऋणी किसानों को योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुनने के लिये योजना में शामिल होने की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले लिखित रूप में आवेदन करना आवश्यक है।
बीज उत्पादन पर जोर
कृषि मंत्री ने 100 दिवसीय कार्ययोजना की प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि 100 दिवसीय कार्ययोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि राज्य के सभी किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ मिले। इस कार्ययोजना में शामिल कार्य पर अविलंब गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों में से 100 प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि बीज उत्पादन अधिक से अधिक राज्य स्तर पर ही होना चाहिए। कृषि योजनाओं के प्रचार-प्रसार को जमीनी रूप देने के लिए कृषि विभाग ने प्रदेश भर में ‘कृषि आपके द्वार’ अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीण स्तर पर हर किसान तक योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जा सके।