आम लोगों के लिए अच्छी खबर। इस साल सरसों का रिकार्ड उत्पादन होने की उम्मीद है और इसके कारण तेल की कीमतों में आने वाले समय में गिरावट आ सकती है। असल में महंगाई अपने रिकार्ड स्तर पर है और इसका असर आम लोगों की जेब पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण देश का रेपसीड और सरसों उत्पादन 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है। रेपसीड और सरसों के अधिक उत्पादन से पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी। रेपसीड और सरसों रे उत्पादन में बंपर वृद्धि की उम्मीद है।
खाद्य तेल उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि बुवाई के रकबे में वृद्धि और प्रमुख उत्पादक राज्यों में अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण देश का रेपसीड और सरसों उत्पादन 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने की संभावना है। रेपसीड और सरसों के अधिक उत्पादन से पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी, जबकि देश को खाद्य तेल की कीमतों को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
सभी राज्यों में होगी अच्छी फसल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईएआई) ने रॉयटर्स को बताया कि किसानों ने रेपसीड के तहत बोए गए क्षेत्र का विस्तार किया है। हमारे हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि लगभग सभी राज्यों में फसल अच्छी स्थिति में है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, रबी सीजन में रेपसीड और सरसों का रकबा एक साल पहले की तुलना में करीब 5 फीसदी बढ़कर 1 करोड़ हेक्टेयर हो गया है। वहीं, भारत ने 2022-23 में 115 लाख टन रेपसीड का उत्पादन किया और चालू वर्ष में उत्पादन बढ़कर 300,000 से 500,000 टन हो सकता है।
मौसम के कारण होगा रिकॉर्ड उत्पादन
सरसों के सबसे बड़े उत्पादक राजस्थान में फसल बेहतर स्थिति में है। अगर अगले कुछ हफ्तों में चीजें सुचारू रूप से चलती रहीं। तो राज्य में 120 लाख टन का उत्पादन संभव है। पिछले सप्ताह तक मौसम अनुकूल था, लेकिन तापमान बढ़ने लगा है। ऐसे में अगर गर्म हवाएं चलें तो फसल जल्दी पक सकती है और बीजों का आकार कम किया जा सकता है। हालांकि, पिछले वर्षों में फरवरी और मार्च में उच्च तापमान ने उच्च पैदावार की संभावनाओं को कमजोर कर दिया है।
सरसों की कीमत में 200 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, रबी विपणन सीजन 2023-24 में सरसों के सरकारी खरीद मूल्य में पिछली बार के मुकाबले 200 रुपए की वृद्धि की गई है, जिसके बाद एमएसपी दर बढ़कर 5,650 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। 2022-23 सीज़न में सरसों की एमएसपी दर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल थी. जबकि, उससे पहले 2021-22 के रबी मार्केटिंग सीजन में सरसों की एमएसपी दर 5, 0.50 रुपये प्रति क्विंटल थी।