युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में करियर के सुनहरे अवसर है। सरकार कृषि क्षेत्र में युवाओं के रुझान के लिए कई तरह के कोर्सेस लेकर आई है। जिससे युवा इस क्षेत्र की और प्रोत्साहित हो। अगर आप भी इस क्षेत्र में नौकरी या खुद का बिजनेस करना चाहते हैं तो हॉर्टीकल्चर की पढ़ाई का ऑप्शन आपके लिए बेहतरीन है। सालाना 50 हजार के कोर्स से लाखों की कमाई का मौका पा सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए हॉर्टीकल्चर यानी बागवानी पर तेजी से काम कर रही हैं।
बीते कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में तेजी से बदलाव आया हैं। पारम्परिक खेती से परे कमर्शियल खेती को अपनाया जा रहा है। इसमें मुनाफा भी अधिक है और लागत भी कम है। अब युवा भी इस क्षेत्र में अपना नसीब आजमा रहें हैं और कामयाब भी हो रहें हैं।
तेजी से बढ़ रही है हॉर्टीकल्चर से पढाई करने वाले युवाओं की मांग
हॉर्टीकल्चर यानी बागवानी सेक्टर से पढ़ाई करने वाले युवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। हॉर्टीकल्चर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद युवा मल्टीनेशनल कंपनियों, सरकारी विभागों, एडमिनेस्ट्रेशन सर्विसेज, फॉरेस्ट सर्विसेज समेत कई सेक्टर में नौकरियां कर सकते हैं। इसके अलावा युवा खुद का व्यवसाय भी कर सकते हैं। हॉर्टीकल्चर में पढ़ाई के लिए कई कोर्स हैं. ग्रेजुएशन कोर्स की फीस 50 हजार रुपये सालाना है।
बीते 10 वर्षों के दौरान हॉर्टीकल्चर सेक्टर में पढ़ाई के लिए युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ा है। केंद्र और राज्य सरकारें कृषि क्षेत्र को विकसित करने पर तेजी से काम कर रही हैं। खेती के तरीकों को विकसित किया जा रहा है, जिसके चलते इस सेक्टर में नौकरियों, बिजनेस और रिसर्च का स्कोप भी बढ़ गया है।
हॉर्टीकल्चर कोर्स, योग्यता और प्रवेश प्रक्रिया
हॉर्टीकल्चर में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी कोर्सेस उपलब्ध हैं। फल विज्ञान, फ़ूल विज्ञान, सब्ज़ी विज्ञान, एंटोमलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, सीड्स एंड साइंस टेक्नोलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, रोग प्रबंधन, एग्री बिजनेस मैनेजमेंट समेत कई दूसरे कोर्सेस भी युवाओं के लिए उपलब्ध हैं। इन कोर्सेस में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 है। एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर टेस्ट कराती हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) सीयूईटी टेस्ट कराती है।
10 लाख तक कमा सकते हैं युवा
हॉर्टीकल्चर में पढ़ाई के लिए अलग-अलग कोर्स की फीस अलग-अलग है। एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी में नॉर्मल सीट्स और सेल्फ फाइनेंस सीट्स होती हैं। नॉर्मल सीट्स में ग्रेजुएशन की सालाना फीस 50-60 हजार रुपये सालाना है। जबकि, सेल्फ फाइनेंस सीट्स के लिए सालाना फीस 1.40 हजार है। बता दें कि ग्रेजुएशन के बाद राज्यों में हॉर्टीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (HDO) बनने वाले युवाओं को सालाना 10 लाख रुपये तक का पैकेज मिलता है।
युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार की अपार संभावनाएं
उभरता हुआ क्षेत्र होने के चलते हॉर्टीकल्चर यानी बागवानी में पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। ग्रेजुएशन के बाद बच्चे या तो राज्य स्तर पर हॉर्टीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर या एसएमएस हॉर्टीकल्चर की पोस्ट पर नियुक्त होते हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन या रिसर्च करने वाले छात्र विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी भी कर सकते हैं।
एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट कोर्स के बाद युवा खुद का कारोबार भी कर सकते हैं। ऐसे युवा नर्सरी उत्पादन, फूल उत्पादन, बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन, मधुमक्खी पालन, अचार चटनी मुरब्बा जैसी फलों और सब्जियों से प्रोडक्ट बनाने का काम कर सकते हैं।