हिमाचल प्रदेश का सेब महाराष्ट्र के सोलापुर में उगाया जाता है यह बात थोड़ी हैरान करने वाली जरूर है लेकिन सच है। सोलापुर जिला के मोहोल तालुका के शिरापुर में रहने वाले कृष्णकांत चौहान ने परंपरागत खेती की बजाय उन्नत खेती को अधिक प्रधानता दी। उन्होंने अपने खेत में रोज एप्पल यानी गुलाबी सेब की खेती का एक अनोखा प्रयोग आजमाया। आज वह सेब की खेती के जरिए लाखों रुपए कमा रहे हैं।
240 रुपए में ख़रीदा रोज एप्पल का पौधा
कृष्णकांत चव्हाण ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर गुलाब सेब के पौधों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने हरियाणा राज्य की एक निजी नर्सरी से 240 रुपये में गुलाब सेब के पौधे खरीदे। प्रारंभ में प्रायोगिक आधार पर पचास पौधे लगाए गए थे। दो साल बाद ये पौधे विकसित हुए और आज इन पौधों पर रोज एप्पल आने लगे है।
10 एकड़ पर उगाएंगे रोज एप्पल
अब तक केवल कश्मीर में मिलने वाला रोज एप्पल महाराष्ट्र के सोलापुर में मिलने लगा है यह अनोखा प्रयोग किया है कृष्णकांत चौहान ने। बाजार में हमेशा ही सेब की मांग रहती है। 200 से 300 किलो में बिकने वाला सेब हर वर्ग के लोगों का चहिता है। वही बात रोज एप्पल की आती है तो यह फल 500 रुपए किलो के करीब बिकता है। चौहान बताते हैं कि उन्होंने अभी प्रयोग तत्व पर ही सेब की खेती शुरू की है लेकिन भविष्य में वह 10 एकड़ जमीन पर गुलाब सेब की खेती करेंगे। और विदेश में इसकी निर्यात भी करेंगे।
उन्नत खेती की ओर ध्यान दे किसान
कृष्णकांत चव्हाण ने सलाह दी है कि महाराष्ट्र के किसानों को पारंपरिक खेती के बजाय आधुनिक खेती करनी चाहिए। सोलापुर जिला एक उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में कम पानी की खेती की जाती है। गुलाब सेब भी कम पानी की फसल है। इन पौधों को ड्रिप सिंचाई द्वारा प्रतिदिन पानी दिया जाता है। रोज एप्पल सोलापुर के बाजार में कम ही देखने को मिलता है। कम आय के कारण गुलाब सेब की कीमत 500 रुपये तक है।