आलू और शकरकंद किसानों के लिए एक अच्छी खबर है अब जल्द ही आलू और शकरकंद की उम्दा किस्मों के उत्पादन के लिए रिसर्च करने वाले दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के टॉप रिसर्च सेंटर की विंग भारत के आगरा में स्थापित होने जा रही है। इस सेंटर से किसानों को आलू की खेती के तकनीकी ज्ञान के अलावा उच्च गुणवत्ता के बीज भी आसानी से मिल सकेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और फसल की बर्बादी भी नहीं होगी।
सींगना में बनने वाले आलू अनुसंधान केंद्र पर 160 करोड़ होंगे खर्च
आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित गांव सींगना में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू की शाखा खुलेगी। इस रिसर्च सेंटर पर 20 मिलियन डॉलर यानी लगभग 160 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से भारत 13 मिलियन डॉलर यानी 108 करोड़ रुपये खर्च करेगा, जबकि बाकी रकम CIP-SARC की ओर से दी जाएगी।
भारत ही नहीं दक्षिण एशियाई देशों के किसानों को भी होगा लाभ
केंद्र को स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 10 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराएगी। यह केंद्र न केवल भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे आलू-बेल्ट राज्यों में बल्कि अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी किसानों को लाभ पहुंचाएगा।
नई किस्म जलवायु के अनुरूप
अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CIP-SARC) आलू और शकरकंद की नई किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो जलवायु के लिए अनुकूल, रोग मुक्त और प्रॉसेसिंग के लिए होंगी।
वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी भारतीय फसलों की मांग
बेस्ट क्वालिटी की आलू और शकरकंद उत्पादन में भारतीय किसानों को मदद मिलेगी। इससे वैश्विक स्तर पर भारतीय फसलों की मांग को बढ़ावा मिलेगा। जबकि, आलू और शकरकंद की पारंपरिक किस्मों के अलावा किसानों को केंद्र के जरिए ईजाद की जाने वाली नई किस्मों को उगाकर पैदावार बढ़ाने का रास्ता साफ होगा।
आलू उत्पादन में चीन को पछाड़ेगा भारत
पेरू के अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का पहला एशियाई केंद्र चीन में 7 साल पहले 2017 में स्थापित किया गया था। चीन दुनिया का सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता है। 2020 में चीन का आलू उत्पादन 78.24 मिलियन टन था, जबकि भारत का 51.30 मिलियन टन।