पशुओं के पेट में कीड़े पड़ना एक नॉर्मल बीमारी है, लेकिन अगर इसका इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो ये पशुओं के लिए काफी खतरनाक हो सकता है, इतना ह नहीं इस बीमारी के बाद पशु का कुछ भी खाने पर उनके शरीर पर असर नहीं पड़ता ऐसा इसलिए क्योंकि जानवरो के पेट में गए भोजन को कीड़े खा जाते है। ऐसे में आइए जानते है इनके लक्षण और बचाव।
क्या होते है इसके लक्षण:
जानवर मिट्टी खाने लगे अथवा कमज़ोर दिखाई पड़े तो ये पेट में कीड़े होने के लक्षण है। इसके साथ ही अगर जानवर के पेट में कीड़े है तो उनकी दस्त में मटमैला रंग और बदबू आती है। इसके अलावा कई बार पशुओं के गोबर में कीड़े अथवा खून दिखाई देने लगता है। दूध देने वाले पशु कीड़े लगने की वजह से दूध भी कम देने लगते है।
कैसे किया जा सकता है बचाव?:
पशुओं के पेट में कीड़े की पहचान करके जल्द से जल्द उसका इलाज करना बेहद ज़रूरी होता है। इसके लिए हर तीन महीने में पशुओं को डेवेरमैक्स की दवा दे। लेकिन इन सब से पहले गोबर की जांच कर ले। इसके साथ ही वैक्सीनेशन से पहले आंत की दवा ज़रूर खिलाएं इसके साथ की वैक्सीनेशन के बाद पशु को कोई भी दवाई न खिलाएं और दाना और चारा भी पशु को खुद ही खिलाएं।