बारिश में इन सब्जियों का होगा बेहतर उत्पादन, ऐसे करें खेती

दिल्ली । बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती करने से पहले किस्मों का चयन मौसम के हिसाब से करना चाहिए। बारिश के मौसम में की खेत अधिक नमी होने के कारण सब्जियों में रोग लगने की संभावना अधिक होती है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि बारिश के मौसम में कौन सी सब्जियों का उत्पादन अच्छा होता है।

देश में मौसम की अनुकूलता के हिसाब फसलें उगाई जाती हैं, हमारे देश में अलग अलग सीजन में विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती हैं। किसान भाई सब्जियों की खेती मौसम के हिसाब से करते हैं। कुछ सब्जियों की खेती पूरे साल होती है जबकि कुछ सब्जियां साल में एक बार ही उगाई जाती हैं। कुछ किसान बेहतर मुनाफे के लिए मूली, बैगन, पालक, गोभी आदि सब्जियों की खेती दूसरे सीजन में भी करते हैं जिससे कि उनको अच्छा मुनाफा मिल जाता है। कुछ सब्जियां ऐसी भी होती हैं उनकी पैदावर सीजन और मौसम कि अनुकूलता पर निर्भर होती है यदि उन सब्जियों को दूसरे सीजन में करते हैं तो उनमे फूल और फली नहीं आती हैं जिससे कि उनका उत्पादन अच्छा नहीं होता है।

भारत में मानसून का महीना जून से अगस्त के बीच होता है ऐसे में इस सीजन में कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन होता है। कई किस्मों की सब्जियों कि बुवाई की जाती है जबकि कुछ सब्जियों की नर्सरी लगाकर खेती की जाती है।

बेल वाली सब्जियों का होगा अच्छा उत्पादन

बारिश के मौसम में बेल वाली सब्जियां जैसे की लौकी, तोरी, कद्दू, लोबिया, खीरा आदि का उत्पादन अच्छा होता है ऐसे में किसान मानसून की शुरुवात से पहले ही इन सब्जियों की बुवाई कर लेते है। खास बात यह है मानसून के मौसम में अधिक बारिश होने के कारण इन सब्जियों को पानी देने की भी आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में किसान भाई कम मेहनत करके बारिश में बेल वाली सब्जियाँ लगाकर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

मानसून में उगाई जाने वाली सब्जियों की विशेषताएं

मानसून के मौसम में सब्जियों का उत्पादन अधिक होता है।

मानसून के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता कम होती है।

बारिश में ज्यादातर हरी सब्जियों का उत्पादन होता है पूरे सीजन बाज़ार में सब्जियों की मांग बनी रहती है।

बारिश के कारण पानी की आवश्यकता कम होती है कम लागत में अच्छा उत्पादन होता है।

सब्जियां उगाते समय इन बातों का रखें ध्यान

बेल वाली सब्जियां उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है। खेत की मिटटी में जैविक की प्रायप्त मात्रा होनी चाहिए। ऐसे खेत का चयन का चाहिए जिसमे पानी एकत्र ना हो।  पानी एकत्र होने के कारण पौधे की पत्तियां सड़ जाती हैं और इसका प्रभाव फसल के उत्पादन पर पड़ता है। बारिश के मौसम में खर पतवार भी ज्यादा उगते है ऐसे में समय समय पर खेत की गुड़ाई करनी चाहिए। फसल की बुवाई के लिए रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *