गोवा के पात्रादेवी से नागपुर के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल तक 802 किलोमीटर के भक्ति मार्ग की प्रस्तावित योजना की घोषणा की गई है। इस बीच यह भक्तिमार्ग कोल्हापुर जिले के कई तालुकाओं से होकर गुजरेगा। इस योजना के लिए किसानों की लगभग हजारों हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित की जायेगी। कोल्हापुर जिले के कागल तालुका के किसानों ने इसका विरोध किया है।
कागल तालुका में नागपुर गोवा भक्तिमार्ग का सर्वेक्षण शुरू हो गया है। किसानोंके विरोध के बावजूद सरकार इस योजना के निर्माण में लग गई है। प्रस्तावित योजना से प्रभावित किसानों ने एकजुट होकर संगठित तरीके से इस हाईवे का विरोध करने का निर्णय लिया है। इस विषय पर कागल में किसान संगठन की बैठक आयोजित की गई।
प्रभावित किसानों में बेचैनी
इस भक्ति मार्ग से प्रभावित किसानों में बेचैनी फैल गयी है। अगर इस सड़क का काम शुरू हुआ तो हजारों किसान भूमिहीन हो जायेंगे। इसलिए हम किसी भी हालत में इस योजना की इजाजत नहीं देंगे। बैठक में किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार को वैकल्पिक रास्ते पर विचार करना चाहिए।
किसानों को दोबारा होना पड़ेगा भूमिहीन
अगर सरकार ने इस मामले में किसानोंकी सुध नहीं ली, तो किसान संगठन सरकार तक अपनी बात पहुंचने के लिए मार्च, आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। जन-जागरूकता के लिए हाईवे से प्रभावित गांवों में किसानों की बैठकें आयोजित की जाएंगी। दिलचस्प बात यह है कि किसानों को यह जमीन कलम्मावाडी बांध के लिए जमीन गंवाने के कारण दी गई है। अब इस सड़क के कारण किसानों को दोबारा भूमिहीन होना पड़ेगा।