भारत में कई राज्य मसालों का उत्पादन करते हैं। हर राज्य में अलग अलग मसाले का उत्पादन होता है। वहीं मसाला फसलों में सौंफ का महत्वपूर्ण स्थान है। सौंफ अपनी खुशबू के साथ-साथ दवा के रूप में भी जानी जाती है। लोग इसे अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल करते हैं। कई लोग इसका इस्तेमाल सब्जियों के साथ-साथ अचार बनाने में भी करते हैं। वहीं गर्मियों में, लोग सौंफ का शरबत भी पीते हैं। अगर हम इसके औषधीय महत्व की बात करें तो इसे कई कहा जाता है इसे रोगों में औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसे किसी भी तरह से खाने से शरीर को फायदा होता है।
वहीं अगर व्यावसायिक स्तर पर इसकी खेती की जाए तो काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। वैसे तो सौंफ की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है लेकिन राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार सौंफ उत्पादन के मामले में भारत के तीन राज्य अन्य सभी राज्यों से आगे हैं। इन शीर्ष राज्यों में गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं। ये तीनों राज्य मिलकर 99 फीसदी सौंफ का उत्पादन करते हैं। जबकि अन्य राज्य महज एक फीसदी ही सौंफ का उत्पादन करते हैं।
तीन उत्पादक राज्यों की सूची
सौंफ उत्पादन की बात करें तो गुजरात देश के अन्य सभी राज्यों से आगे है। सौंफ की खेती के लिए यहां की जलवायु और मिट्टी काफी बेहतर है। इस कारण सबसे ज्यादा सौंफ का उत्पादन गुजरात में होता है। सौंफ उत्पादन में राज्य का हिस्सा 71.67 प्रतिशत है। वहीं, राजस्थान भारत का दूसरा सबसे बड़ा सौंफ उत्पादक राज्य है। यहां सौंफ की खेती भी काफी मात्रा में की जाती है। यहां देश के किसान 24.86 फीसदी सौंफ का उत्पादन करते हैं। इसके अलावा तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां सौंफ का उत्पादन 1.91 प्रतिशत होता है।
जानिए सौंफ खाने के क्या फायदे हैं
असल में देश में सौंफ का इस्तेमाल हर घर-घर में किया जाता है। वहीं लोग रेस्टोरेंट और अन्य जगहों पर खाने के बाद सौंफ खाना पसंद करते हैं क्योंकि सौंफ की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में इसका सेवन बढ़ जाता है। साथ ही इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। सौंफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे याददाश्त बढ़ती है और शरीर ठंडा रहता है। इसके अलावा सौंफ खाने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है।