पंजाब में बासमती की खेती को बढ़ावा देने के लिए, ‘किसान मित्र’ करेंगे किसानों की मदद

चंडीगढ़: मानसून के आगमन के साथ किसान भाई खरीफ फसलों की खेती में जुट गए हैं। ऐसे में पंजाब सरकार बासमती धान की खेती के लिए किसानों का मार्गदर्शन करेगी। बासमती धान की फसल को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने किसान मित्र को शामिल किया है जो बुआई के लिए ग्रोवर्स तकनीकी के तहत किसानों का मार्गदर्शन करेंगे। राज्य में बासमती धान की खेती गुरदासपुर,तरनतारन,पठानकोट समेत अन्य जिलों में की जाती है।

पंजाब सरकार का कृषि विभाग बासमती धान की खेती को बढ़ावा दे रहा है। कृषि विभाग ने इस बार राज्य में 20% धान की खेती के क्षेत्रफ़ल को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इस बार राज्य में धान फसल की बुवाई के लिए 6 लाख हेक्टर क्षेत्रफल की योजना बनाई है जो कि पिछले साल 4.94 लाख हेक्टेयर था।

राज्य में इसबार धान के बेहतर उत्पादन के लिए “किसान मित्र” को शामिल किया है जो की किसानों को बासमती धान की खेती करने में मदद करेंगे। किसान मित्र तकनीकि रूप से किसान भाइयों की मदद करेंगे। पंजाब सरकार ने इस बार बासमती धान की फसल का समर्थन मूल्य 2600 से 2800 रूपये करने का लक्ष्य रखा है। कृषि विभाग अधिकारी ने बताया कि राज्य ने इस बार छह लाख हेक्टेयर धान की खेती का लक्ष्य रखा है। गत वर्ष किसान भाइयों को बासमती धान पर 3500 रूपये प्रति क्विंटल कमाई हुई थी।

किसान मित्र किसान भाइयों को फसल की बुआई से कटाई तक की प्रक्रिया में मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने सलाह दी कि किसानों को केवल उन कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए जो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बासमती फसलों के लिए सुझाए गए हैं। किसानों को कुछ कीटनाशकों से बचने की भी सलाह दी गई है। राज्य के किसान मुख्य रूप से पूसा 1121, पूसा 1509 और 386 जैसी धान की किस्मों की खेती करते हैं। इस बार भारत का बासमती चावल का निर्यात 35000 करोड़ होने का अनुमान है। भारत में सबसे ज्यादा बासमती धान की खेती पंजाब में होती है।

 

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