केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, जैविक खेती को बढ़ावा देने से सुधेरगी मिटटी की गुणवत्ता

नई दिल्ली: मिट्टी की गुणवत्ता को स्वस्थ बनाने के लिए जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने  के लिए सरकार की ओर से बेहतर पहल की गई है | केन्द्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग के द्वारा पीएम प्रणाम योजना – धरती माता की पुनर्स्थापना, जागरूकता, सृजन, पोषण और सुधार के लिए मंजूरी दे दी गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्यों को वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्री ने राज्यों को सूचित किया कि प्रधानमंत्री द्वारा अध्यादेशित आर्थिक मामलों की मंत्रिपरिषद् ने किसान भाइयों के लिए नई योजनाओं के लिए विशेष पैकेज को स्वीकृति दी है | जिसमे 3,68,676.7 लाख करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसान भाइयों का कल्याण और आर्थिक स्थिति को सुधारना तथा कृषि कार्यों को प्रोत्साहन देना होगा। इससे किसान भाइयों की आय बढ़ेगी और प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, मिट्टी की उत्पादकता का पुनर्जीवन होगा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने सभी राज्यों से आह्वान किया कि सभी को संयुक्त रूप से जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए और मिटटी की उर्वरकता और मानव जीवन पर कीटनाशक से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करना चाहिए | वर्तमान में यूरिया की एमआरपी 266.70 रुपये प्रति किलोग्राम बोरी है ( नीम कोटिंग शुल्क और लागू करों को छोड़कर ) जबकि बैग की वास्तविक कीमत लगभग 2200 रुपये है | यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार की और से बजटीय सहायता के माध्यम से वित्त पोषित है |

गौरतलब है की जैविक उर्वरक किसानों को किफायती दामों में उपलब्ध कराये जायेंगे | साथ ही में जैविक उर्वरकों को भारतीय ब्रांड एफओएम, एलएफओएम और पीआरओएम के नाम से नामांकित किया जाएगा। यह एक तरफ फसल के बाद बचे अवशेषों का प्रबंध करने और पराली जलाने की समस्याओं का समाधान करने में सुविधा प्रदान करेगा, पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में भी मदद करेगा।

माननीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री ने कहा कि धरती माता ने हमेशा मानव जाति को भरपूर मात्रा में जीविका के स्रोत प्रदान किए हैं। यह समय की मांग है कि खेती के अधिक प्राकृतिक तरीकों और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना है। जैविक खेती, वैकल्पिक उर्वरकों, नैनो उर्वरकों और जैव उर्वरकों को बढ़ावा देने से हमारी धरती माता की उर्वरकता को बहाल करने में मदद मिल सकती है।

केन्दीय मंत्री के इस सम्बोधन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *