पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों लागत पर बुरा असर डाला है। हालाँकि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही किसानों की मदद में आगे आएं हैं लेकिन फसल बर्बादी का दौर थम नहीं रहा है। गेंहूं की शरबती फसल बारिश से पूरी तरह बर्बाद हो गई है।शरबती गेहूं की मांग पूरे देश में है और कई क्षेत्रों में इसकी आपूर्ति भी की जाती है, लेकिन इस बार बेमौसम बारिश और नमी ने किसानों को परेशान कर दिया है। बेमौसम बारिश से हर जगह फसलों को नुकसान हुआ है और शरबती गेहूं की फसलों पर भी पानी फिर गया है। जिससे किसान निराश हो गए है। किसानों का कहना है कि शरबती गेहूं के खराब होने से उत्पादन कम हो जाएगा।
बारिश से शरबती गेहूं को नुकसान
मध्य प्रदेश के सीहोर पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में बारिश हुई है और कई इलाकों में ओले गिरे हैं। जिससे खेतों में गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ और जो फसल काट कर रखी गयी थी वह भी नष्ट हो गयी। शरबती गेहूं का रंग हल्का काला पड़ने के कारण इसके दाने का आकर छोटा हो जाता है। इसका सीधा असर वजन और उत्पादन पर पड़ेगा।
किसानों को मिले मुआवजा राशि
किसानों ने यह भी मांग की कि गेहूं की खेती में हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा राशि के साथ बीमा राशि भी दी जाए ताकि किसानों को नुकसान की भरपाई हो सके।
उत्पादन पर कितना पड़ेगा असर
किसानों का कहना है कि शरबती में बारिश का असर गेहूं पर पड़ा है। इससे गेहूं का दाना छोटा हो जाएगा और चमक प्रभावित होगी। बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता कम हो गई है, जिससे गेहूं के लिए जो कीमत मिलती थी वह अब नहीं मिलेगी। इसके अलावा अगले साल किसान इस गेहूं को बीज के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। पानी के कारण गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है। चमक कम होने से गेहूं की कीमत में 200-300 रुपये की गिरावट आ सकती है।
336 हेक्टेयर में गेंहू की बुवाई
सीहोर जिले में 336 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी। इसमें से 20 प्रतिशत गेंहू की कटाई हो चुकी है। हालांकि अभी कई खेतों में गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है और कई खेतों में गेंहू काट कर थ्रेसिंग के लिए जा चूका है। लेकिनअचानक हुई बेमौसम बारिश ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि मौसम विस्तार अधिकारी के मुताबिक मौसम की मार के कारण फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा और उसकी गुणवत्ता पर भी असर देखने के लिए मिलेगा।
फसल की बर्बादी को कैसे रोकें
कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने फसल बर्बादी से बचने के लिए बताया की बारिश के कारण जो कटा हुआ गेहूं भीग गया है, उसे उलट-पलट कर अच्छी तरह सुखा लें और फिर उसकी मड़ाई कर लें। इससे उत्पादन और गुणवत्ता को काफी हद तक बचाया जा सकता है।