PM KISAN YOJANA : किन गलतियों की वजह से नहीं आ पा रहे है किसानों के खातों में पैसे

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

नई दिल्ली : दिवाली के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत देश के करोड़ों किसानों के खातों में 15 वी किश्त डाली है. लेकिन इसके बावजूद कुछ किसान ऐसे है जिनके खाते में अब तक पैसे नहीं आये है. हालांकि अधिकांश किसानों के खातों में पैसे आ गए है.  लेकिन जिन किसानों के खातों में 15 वी किस्त के पैसे नहीं आये है उसका कारण क्या होसकता है ये आपको बताते है.

https://x.com/pmkisanyojana/status/1724692737314758713?s=20

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत कृषि विभाग द्वारा केंद्र सरकार को भेजे गए कुछ सत्यापित आवेदनों में पीएफएमएस के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर करते समय निम्नलिखित त्रुटियां पाई गईं, जिसके कारण राशि हस्तांतरित नहीं की जा सकी और आवेदन को कैन्सल कर दिया गया है. गलती को ठीक करने के लिए उसे वापस भेजा गया है.

ना करें ये 5 गलतियां

• किसान का नाम “ENGLISH” में होना जरूरी है- जिन किसान का नाम आवेदन में “HINDI” में है, कृपया नाम संशोधित करें.

• आवेदन में आवेदक का नाम और बैंक अकाउंट में आवेदक का नाम भिन्न होना- किसान को अपने बैंक शाखा जा कर बैंक में अपना नाम आधार और आवेदन में दिये गए नाम के अनुरूप करना होगा.

• IFSC कोड लिखने में गलती.

• बैंक अकाउंट नंबर लिखने में गलती.

• गाँव के नाम में गलती.

उपर्युक्त सभी प्रकार की गलतियों में सुधार के लिए आधार सत्यापन जरूरी है. आधार सत्यापन के लिए किसान अपने निकटतम CSC/वसुधा केंद्र/ सहज केंद्र से संपर्क करें.

 

क्या है PM किसान योजना 

केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को दिसंबर 2018 में शुरू किया गया था. ये स्कीम किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाती है और सालाना 6000 रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करती है. अब इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली ये राशि बढ़ाने की मांग उठ रही है.

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च आन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (ICRIER) ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें किसानों की वित्तीय स्थिति को देखते हुए आर्थिक सहायता बढ़ाने की वकालत की गई है. ICRIER की रिपोर्ट ने पीएम किसान योजना (PM-KISAN) के तहत राशि बढ़ाने की भी मांग की है.

महंगाई के अनुसार बढ़नी चाहिए राशि 

ICRIER की रिपोर्ट का कहना है कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं. इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया, लेकिन चीजों की महंगाई कई बार बढ़ी है. ऐसे में मौजूदा महंगाई को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए आर्थिक सहायता कम से कम 10 हजार रुपये होनी चाहिए.

CNBC-TV18.com की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सबसे ज्यादा छोटे किसान हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम की जमीन है और वहीं दूसरी ओर बड़े किसानों की संख्या बहुत ही कम है. रिपोर्ट का मानना है कि व्यापार नीतियों के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस कारण पीएम किसान योजना के तहत सहायता राशि को बढ़ाना चाहिए.

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