With a strong educational foundation, Kavita Mishra holds a B.A., M.A., and post-graduation in journalism. Boasting over 18 years of valuable journalism experience, she brings a wealth of expertise to her role as the editor of our agricultural news website. Kavita's commitment to delivering insightful and impactful content makes her an invaluable leader in the field, steering our platform towards excellence in agricultural journalism.
आवारा पशुओं की खेतों में घुसपैठ किसानों के लिए बहुत बड़ा सर दर्द बनता जा रहा है जिसकी वजह से किसानों की फसलें तो खराब हो ही रही है कई जगह पर सीधे-सीधे आवारा पशुओं और किसानों की मुठभेड़ के चलते लोगों की जानें भी जा रही है इन्हीं सब समस्याओं से निजात पाने के लिए राजस्थान सरकार ने किसानों के खेतों में तारबंदी को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को लागत का 60% तक अनुदान देने की घोषणा की है यह अनुदान किसानों को कुछ शर्तों के साथ मिलेगा ।
तारबंदी अनुदान के लिए जरूरी शर्तें जाने-
पात्रता :
– इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा।
– व्यक्तिगत आवेदन में न्यूनतम 1.5 हैैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवष्यक है।
– एक कृषक समूह में न्यूनतम 2 कृषक व न्यूनतम 1.5 हैैक्टर जमीन होना आवष्यक है हो व समूह की भूमि की सीमायें निर्धारित पेरिफेरी में हो।
अनुदान :
– तारबंदी हेतु खेत की पेरिफेरी में लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 48000/- जो भी कम हो ।
– अन्य कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 40000/- जो भी कम हो।
– प्रति कृषक/कृषक समूह 400 रंनिग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होगा
आवेदन प्रक्रिया :
– कृषक नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकेगा।
– आवेदक आवेदन पत्र आन-लाईन जमा किये जानें की प्राप्ति रसीद आन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा।
– आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज,आधार कार्ड,जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नहीं हो), बैंक खाते सम्बन्धित विवरण।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु :
– तारबन्दी किये जानें से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर जियोटेगिंग।
– अनुदान राशि कृषक के खाते में जमा।
– कृषक समूह के प्रथम आवेदन कर्ता के आधार पर समूह की प्राथमिकता निर्धारित।
यह समस्या सिर्फ एक ही राज्य की नहीं है इस समस्या से लगभग हर किसान को जूझना पड़ता है। यही वजह है की राजस्थान सरकार के इस फैसले से किसानों को काफी राहत मिलेगी।