महिला किसानों को पीएम किसान योजना में मिलेंगे 12,000 रुपये, जानिए चुनाव से पहले मोदी सरकार के संभावित फैसले के मायने?

पांच राज्यों में चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए उसमें बीजेपी ने तीन राज्यों में फतह हासिल की। इसके साथ ही तेलंगाना में उनके आठ विधायक जीतकर पहली बार विधानसभा में पहुंचे। वहीं अब बीजेपी का फोकस लोकसभा चुना पर हैं। लिहाजा केन्द्र सरकार लगातार ऐलान कर रही है। वहीं इसी कड़ी में चुनाव से पहले पीएम मोदी देश की महिला किसानों को बड़ा तोहफा दे सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है। जिसके तहत योजना की लाभार्थी महिलाओं यानी महिला किसानों को दी जाने वाली मानदेय राशि दोगुनी होने जा रही है। यानी महिला किसानों को 6 हजार रुपये की जगह 12 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। आखिर मोदी सरकार यह फैसला क्यों लेने जा रही है? इसके पीछे क्या अर्थ है? उनके चिर-परिचित अंदाज में आइए उस संदेश को डिकोड करने की कोशिश करते हैं जो मोदी सरकार ने दिया है.

चुनाव से पहले हो सकता है ऐलान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि योजना में संभावित बदलाव पर मंत्रालय ने मुहर लगा दी है, जिसके बाद यह संभावित बदलाव राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट सत्र यानी 1 फरवरी से शुरू हो रहे अंतरिम बजट सत्र में इस फैसले पर मुहर लगा सकती है। जानकारी के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि में इस संभावित बदलाव को लेकर मंत्रालय स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
हालांकि बजट से पहले पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की संभावना ओं पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार चर्चा आगे बढ़ेगी और आदेश के रूप में इसे लागू किया जाएगा।

80 लाख से अधिक महिला किसानों को लाभ

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि मोदी सरकार के इस फैसले के बाद देश की एक करोड़ महिला किसानों को फायदा होगा। दरअसल, मोदी सरकार ने 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को पीएम किसान की 15वीं किस्त दी थी। दूसरी ओर, देश के कुल किसान परिवारों में से 13 प्रतिशत महिला किसान हैं, जिनके पास जमीन है। ऐसे में इस बदलाव से 80 लाख से अधिक महिला किसानों को फायदा होने की उम्मीद है।

इस फैसले का क्या मतलब है

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की लाभार्थी महिलाओं को 12 हजार रुपये देने की तैयारी मोदी सरकार के लिए चुनाव में फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल में लाडली बहना योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने की थी, जिसके अनुभव से उत्साहित होकर बीजेपी को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का फायदा मिला, जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान किया, उस अनुभव से उत्साहित बीजेपी देशभर में ऐसा ही मॉडल खड़ा करती नजर आ रही है। लिहाजा बीजेपी महिला, किसान और खेती पर फोकस कर रही है।

मोदी की गारंटी

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी मोदी गारंटी के नारे के साथ चुनावी माहौल दिखा रही है. इसी कड़ी में पीएम मोदी ने देश की नई 4 जातियों को रेखांकित कर विपक्ष की जातिगत जनगणना की राजनीति का जवाब दिया है। पीएम मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि उनके लिए युवा, गरीब, महिलाएं और किसान ही जातियां हैं। ऐसे में मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के जरिए महिला किसानों को लाभ देकर मोदी की गारंटी को मजबूत करती नजर आ रही है। क्योंकि इस फैसले से मोदी सरकार गरीबों, महिलाओं और किसानों को एक साथ फायदा पहुंचाने वाली है।

पारिवारिक संपत्ति में महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करना

मोदी सरकार के इस फैसले से पारिवारिक संपत्तियों में महिलाओं के अधिकारों को मजबूती मिलती दिख रही है। वास्तव में, भारत में पुरुष-प्रधान व्यवस्था हावी है। ऐसे में इस तरह के फैसले से ग्रामीण परिवेश में महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर कराने का चलन बढ़ सकता है। दरअसल, मोदी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड एक्ट भी ला रही है, जिसमें पुरुषों के समानांतर महिलाओं को अधिकार देने की बात है। ऐसे में पीएम किसान सम्मान निधि में महिलाओं को अधिक लाभ मिलना इस दिशा में एक प्रतीकात्मक शुरुआत हो सकती है।

पुरुष किसानों को इसका लाभ कब मिलेगा?

मोदी सरकार महिला किसानों को लाभ देने जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी का फायदा पुरुष किसानों को कब मिलेगा. इस पूरे मामले को मौजूदा सियासी कुश्ती से समझा जा सकता है. दरअसल, बीजेपी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दे रही है। असल में इन राज्यों के किसानों को केंद्र की तरफ से 6 हजार और राज्य सरकार की तरफ से 6 हजार मिलेंगे। इस फैसले से भाजपा ने अन्य राज्यों पर भी इसी तरह का राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की है।

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