बाजार में धनिया की भारी आवक होते ही इसकी कीमत में भारी गिरावट आई। हालांकि बाजार में धनिए की कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं है। लेकिन मंडियों में कीमत जमीन पर आ गयी हैं। जैसे-जैसे कीमतें कम हो रही हैं, किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। अगर लागत कम नहीं भी होती तो भी किसान संतुष्ट होते। बताया गया है कि एक दिन में ही प्रदेश की सभी मंडियों में 936 क्विंटल धनिया पहुंच गया।
महाराष्ट्र में कृषि उपज की कीमत को लेकर किसानों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। यदि एक उपज की कीमत सही है, तो दूसरे की कीमत कम हो जाती है। कई बार ज्यादातर फसलों के दाम कम ही रह जाते हैं। जिससे किसान परेशान हैं। इस समय जहां एक तरफ किसान प्याज के निर्यात प्रतिबंध से परेशान हैं, इस वजह से कीमतों में भारी गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ राज्य में अब हरी धनिया की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालत यह है कि किसानों को इसे मंडियों में लाने की लागत भी नहीं मिल रही है। कई बाजारों में कीमत 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक ही बनी हुई है। ऐसे में किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। इससे कई निराश किसान अपनी उपज मंडी से बाहर फेंकने को मजबूर हैं।
शोलापुर कृषि उपज मंडी समिति के पास केवल प्याज का रिकार्ड नहीं आ रहा है। बल्कि धनिया की भी बंपर आवक हो रही है। यहां एक ही दिन में 9714 गुंडी धनिया आ गया, जिससे कीमत अचानक कम हो गई। सही दाम नहीं मिलने से किसान आक्रामक हो गए हैं। कई किसानों ने अपने दोस्तों से फोन पर बात की। उसने कीमत मांगी और उपज को रास्ते में फेंक दिया। ज्यादातर बाजार समितियों में देखा गया कि कीमत पांच से सात रुपये तक थी। आज पुणे की मार्केट कमेटी में 1 लाख 99 हजार 367 बैग धनिया पहुंची।
सिर्फ 10 रुपये में हुई कीमत
बाजार में धनिया की भारी आवक होते ही इसकी कीमत में भारी गिरावट आई। जैसे-जैसे कीमतें कम हो रही हैं, किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। अगर लागत कम से कम न होती तो भी किसानों को संतोष होता। बताया गया है कि एक ही दिन में प्रदेश की सभी मंडियों में 936 क्विंटल धनिया पहुंच गया। इसकी कीमत ज्यादातर मार्केट कमेटियों में है। कीमत 10 रुपये प्रति किलो पर बनी हुई है। धनिया की खेती करने वाले किसान आपकी सब्जी और चटनी का स्वाद कितना बढ़ाते हैं, इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते।
बाजार में कीमत क्या है?
26 जनवरी को भुसावल मंडी में धनिया का न्यूनतम भाव मात्र 1200 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि अधिकतम भाव 2000 रुपये था।
25 जनवरी को कोल्हापुर मंडी में धनिया का न्यूनतम भाव 1000 रुपये प्रति क्विंटल था। यानी वे केवल 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचने को मजबूर हैं।
चंद्रपुर गंजवाड़ मंडी में धनिया का न्यूनतम भाव 1000 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये प्रति क्विंटल था।
जलगांव मंडी में धनिया का न्यूनतम भाव मात्र 500 रुपये प्रति क्विंटल था। अधिकतम भाव 1500 रुपये प्रति किलो था। इसका मतलब है कि किसानों को कम से कम 5 रुपये प्रति किलो धनिया बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मुंबई में धनिया की बंपर आवक देखने को मिली। जिसकी वजह से यहां कीमत भी कम हो गई। यहां न्यूनतम भाव 800 और अधिकतम 1000 रुपये प्रति क्विंटल था।