किसान आंदोलन: उग्र प्रदर्शन में दो पुलिसकर्मी शहीद, 30 घायल, अंबाला पुलिस ने दिया बयान

Farmers Movement

देश में एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन अब बड़ा रूप लेता नजर आ रहा है। जहां एक तरफ किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है। दरअसल, किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों को भी नुकसान हुआ है। अंबाला पुलिस ने एक नोटिस जारी कर सूचित किया कि किसान संगठनों के मुख्य पदाधिकारियों और आंदोलनकारियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) 1980 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। हालांकि बाद में इस कार्रवाई से इनकार करते हुए अंबाला पुलिस ने फिर बयान जारी किया है।

वहीं अंबाला पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए किसानों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसानों को दिल्ली कूच करने से रोका जा सके। इसके अलावा किसानों की ओर से पुलिस प्रशासन पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। अंबाला पुलिस की ओर से कहा गया है कि इस दौरान उपद्रवियों ने सरकारी और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है और साथ ही कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।

अंबाला पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट अब तक 30 पुलिसकर्मी घायल, दो शहीद

किसानों की उपद्रव के कारण अब तक 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके अलावा दो जवान शहीद हो गए हैं। जबकि एक पुलिसकर्मी को ब्रेन हैमरेज हुआ है। अंबाला पुलिस की ओर से कहा गया है कि इस आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सुनो! उसे रोको!। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ और भड़काऊ बयान प्रसारित किए जा रहे हैं। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए लगातार पोस्ट शेयर की जा रही हैं।

पुलिस के खिलाफ दिए जा रहे भड़काऊ बयान

पुलिस का कहना है कि इस आंदोलन में बयानबाजी के जरिए आंदोलनकारियों को लगातार प्रशासन के खिलाफ भड़काया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आंदोलन की आड़ में उग्र विद्रोह में उपद्रवी भी पैदा हो रहे हैं। इसलिए आपराधिक गतिविधियों को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों की हाउस अरेस्ट की कार्रवाई को लागू कर रहा है। ताकि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे और सामाजिक सौहार्द बिगड़े नहीं।

किसानों के खिलाफ लागू नहीं होगा एनएसए

किसान नेताओं पर रासुका लगाने के संबंध में अंबाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सिबाश कबिराज ने कहा, ‘सभी संबंधित पक्षों को स्पष्ट किया जाता है कि अंबाला जिले के कुछ किसान यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधान लगाने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील करती है।

 

 

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