हरियाणा और पंजाब किसान आंदोलन से सबसे प्रभावित राज्यों में हैं। वहीं हरियामा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। असल में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हरियाणा के किसानों के कर्ज का ब्याज और जुर्माना माफ करने का ऐलान किया। बताया जा रहा है कि इससे राज्य के करीब 5 लाख किसानों को फायदा होगा।
राज्य के सीएम सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैं खुद एक किसान का बेटा हूं। इसलिए मैं किसानों का दर्द जानता हूं। खेतों की जुताई हमने खुद की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए ,7,276.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। साथ ही युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को दी जा रही 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 नए राज्य पशु चिकित्सालय तथा 18 नवीन राज्य पशु औषधालय खोलने का निर्णय लिया गया है।
कृषि उत्पादन में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट पेश करते हुए कहा कि हरियाणा में कृषि उत्पादन 2023-24 में 8.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। वहीं, पिछले 3 वर्षों में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों की खरीद की है, जिनका भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया है। सरकार ने खरीफ और रबी सीजन 2023 में किसानों के खातों में सीधे 29,876 करोड़ रुपये जमा किए हैं। मूल्य अंतर सहायता के रूप में 178 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में अंतरित की गई है।
किसानों के खातों में पहुंचे 297 करोड़ रुपये
वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 297.58 करोड़ रुपए की राशि सीधे किसानों के खातों में मुआवजे के रूप में जमा की जा चुकी है। सरकार ने कहा कि उप-सतह और ऊर्ध्वाधर जल निकासी तकनीक का उपयोग करके 52,695 एकड़ क्षेत्र में खेती की गई है। इस कार्य पर 80.40 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। वर्ष 2024-25 में 62,000 एकड़ गंभीर लवण और जलभराव वाली भूमि को पुनः प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
500 युवा किसानों को ड्रोन प्रशिक्षण मिला
राज्य सरकार ने ‘दृश्य’ के माध्यम से ड्रोन संचालन के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन में प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की है। सरकार ने वर्ष 2023-24 के दौरान किसानों को 11,007 फसल अवशेष मशीनें वितरित की हैं।,वर्ष 2023-24 के दौरान किसानों को 139 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है। वर्ष 2023-24 में पिछले दो वर्षों में पराली जलाने के मामले 67 प्रतिशत घटकर 2303 हो गए हैं, जो 2021-22 में 6987 थे और जल्द ही तीन नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।