कानपूर कृषि विश्विद्यालय ने किसानों को ड्रोन की ट्रेनिंग देने के लिए एक खास पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। खेती में आये दिन नई नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन तकनीक से किसान का काम और आसान बनाने की कोशिश की जा रही है। इन दिनों सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के चलते खेती के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ड्रोन ने खेती में कीटनाशकों के छिड़काव का काम आसान कर दिया है। ड्रोन से किसानों की मेहनत भी बचती है और उपज भी अधिक होती है।
कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय ने शुरू किया पाठ्यक्रम
इसी क्रम में किसानों को ड्रोन की ट्रेनिंग देने के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। मई के महीने में विश्वविद्यालय में एक खास वैल्यू एडेड पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा जो ड्रोन टेक्नोलॉजी पर है। इस पाठ्यक्रम में ड्रोन को कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस पाठ्यक्रम के लिए अब तक 140 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी कर दिया है और लोग अभी भी इसमें रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।
ट्रेनिंग के बाद मिलेगा ड्रोन चलाने का लाइसेंस
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने गति संस्था के साथ मिलकर एक करार किया है। जिसके तहत यह संस्था किसान और कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स को ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में शिक्षित करेगी। यह यूपी का पहला ऐसा कृषि विश्विद्यालय है जिसने इस तरह की पहल की है। यह कोर्स सात दिन तक चलेगा। कोर्स के बाद ड्रोन चलाने का लाइसेंस भी विश्विद्यालय द्वारा दिया जायेगा।
किसान से लेकर इच्छुक स्टूडेंट भी कर सकते हैं आवेदन
बीज की बुवाई से लेकर फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव यह सभी काम अब ड्रोन के जरिए किए जा सकेंगे। इसके लिए खास प्रोग्राम कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में चलाया जाएगा। जिसमें किसानों, स्टूडेंट और कोई भी व्यक्ति जो चाहे वह यह कोर्स कर सकेगा। आमतौर पर खेत की बुवाई में पूरा दिन लग जाता है। लेकिन ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से सिर्फ 25 मिनट में एक एकड़ जमीन में किसान बुवाई कर सकेंगे।
तकनीकी नवाचारों और ड्रोन के इस्तेमाल के लिए किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की कोशिश
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों और ड्रोन के इस्तेमाल के लिए किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए कई तरह के अभियान चलाकर किसानों/ कृषि विज्ञान छात्रों और अन्य युवाओं को ड्रोन उड़ाने के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण देती है। यह प्रशिक्षण राज्य के कृषि विश्वविद्यालय एवं अप्रूव्ड ड्रोन प्रशिक्षण (Drone Training) केंद्रों के माध्यम से दिया जाता है। इसके लिए समय-समय पर विशेष प्रोग्राम शुरू कर इच्छुक युवाओं से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए कहा जाता है।