किसान मिट्टी की गिरती उर्वरता को लेकर चिंतित हैं। खेतों में रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग से मिट्टी के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। ऐसे में अब सरकार ने किसानों के खेतों की मिट्टी की उर्वरता जांचने का अभियान भी शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत हर क्षेत्र में मिट्टी का परीक्षण यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि किसानों के खेत कितने स्वस्थ हैं या उनमें किन पोषक तत्वों की कमी है। जब किसानों को मिट्टी की स्थिति के बारे में पता होगा , तो वे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी की समस्या का समाधान कर सकते हैं। इस अभियान की खास बात यह है कि किसानों को यह अवसर निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। मिट्टी परीक्षण के बाद किसानों को मिट्टी की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी । इसके साथ ही राज्य के सभी जिलों में किसानों के बीच मिट्टी परीक्षण को लेकर जागरूकता भी फैलाई जा रही है।
मिट्टी की सेहत की होगी मुफ्त जांच:
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने सभी जिलों में किसानों के खेतों की स्थिति जांचने के लिए एक अभियान शुरू किया है। सरकार किसानों को यह अवसर पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान कर रही है । अमेठी जिले को 13 हजार मृदा परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है ।जिसके लिए प्रत्येक ब्लॉक में 10 गांवों का चयन किया जाएगा और विश्लेषण के लिए एक हजार मिट्टी के नमूने एकत्र किए जाएंगे। सभी जिलों में लक्ष्य भी निर्धारित कर दिये गये हैं। इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक गांव से 100 किसानों का चयन किया जायेगा । मृदा परीक्षण के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किया जायेगा । परीक्षण के लिए नमूनों का संग्रह 15 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है।
मनचाही जांच के लिए लगेगा शुल्क:
सभी ब्लॉकों में कृषि विभाग के द्वारा चयनित किसान की मिट्टी की जांच पूरी तरीके से नि:शुल्क होगी जबकि अन्य किसान जो अपने खेत की मिट्टी की जांच करना चाहते हैं इसके लिए निर्धारित शुल्क देना होगा। जीवाश्म कार्बन प्रतिशत, फास्फोरस और पोटाश की जांच के लिए ₹29 निश्चित है जबकि सल्फर के लिए ₹30 और सूक्ष्म पोषक तत्व में जिंक, लोहा, तांबा ,मैगनीज और बोरान की जांच के लिए 43 रुपए का शुल्क किसानों के लिए निर्धारित किया गया है। मिट्टी के लिए 13 पोषक तत्व महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें से किसी भी तत्व की कमी होने पर फसल का उत्पादन प्रभावित होने लगता है। इसलिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है जिससे कि वे ज्यादा संख्या में अपने मिट्टी की जांच करायें और मिट्टी को स्वस्थ करने की दिशा में आगे बढ़े।